प्रणब मुखर्जी की तबीयत में नहीं हो रहा सुधार, वह अभी भी हैं वेंटिलेटर सपोर्ट पर
By रामदीप मिश्रा | Published: August 23, 2020 11:26 AM2020-08-23T11:26:53+5:302020-08-23T11:26:53+5:30
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत में आज सुबह भी कोई बदलाव नहीं आया। वो कोमा में हैं। उनके प्रमुख पैरामीटर स्थिर हैं और वो अभी भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
नई दिल्लीः पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के स्वास्थ्य की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। उनकी स्थिति जस की तस बनी हुई है। रविवार (23 अगस्त) को भी कोई बदलाव नहीं आया और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। यह जानकारी दी दिल्ली छावनी स्थित सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल की ओर से दी गई है। मुखर्जी को अस्पताल में 10 अगस्त को भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी हुई थी।
ताजा अपडेट के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत में आज सुबह भी कोई बदलाव नहीं आया। वो कोमा में हैं। उनके प्रमुख पैरामीटर स्थिर हैं और वो अभी भी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
पूर्व राष्ट्रपति की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की भी पुष्टि हुई थी। इसके बाद उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया था जिसका इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में डॉक्टरों का एक दल उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखे है।
There is no change in the condition of former President Pranab Mukherjee this morning. He remains in deep coma and on ventilator support. His vital parameters are stable: Army Hospital (Research and Referral), Delhi Cantonment pic.twitter.com/zLaiOdpEHP
— ANI (@ANI) August 23, 2020
बीते दिन अस्पताल की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया था कि प्रणब मुखर्जी की चिकित्सकीय हालत वैसी ही बनी हुई है। उनके फेफड़ों में संक्रमण का इलाज किया जा रहा है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। उनके महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों पर नजर रखी जा रही है और उनके हृदय के काम करने की स्थिति स्थिर है। मुखर्जी 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति थे।
प्रणब मुखर्जी के बीमार होने पर उनकी पुत्री एवं कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भगवान से प्रार्थना की और उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था, 'पिछले साल आठ अगस्त का दिन मेरे लिए सर्वाधिक प्रसन्नता के दिनों में से एक था जब मेरे पिता को भारत रत्न मिला था। ठीक एक साल बाद 10 अगस्त को वह गंभीर रूप से बीमार हो गए। उनके पिता के लिए जो भी सर्वश्रेष्ठ हो, ईश्वर वह करें और मुझे जीवन में आने वाले खुशी और दुख के क्षणों को समान रूप से सहने की शक्ति प्रदान करें। मैं उनके लिए चिंता करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद व्यक्त करती हूं।'