कफ सीरप मामले में सीबीआई जांच नहीं कराएगी योगी सरकार, मुख्यमंत्री ने कहा - अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा
By राजेंद्र कुमार | Updated: December 22, 2025 22:29 IST2025-12-22T22:27:52+5:302025-12-22T22:29:05+5:30
कहा जा रहा है कि 700 कंपनियां बनाकर अवैध कारोबार किया गया. 200 करोड़ रुपए से अधिक की तस्करी हुई है और इस मामले में एसटीएफ़ के बर्खास्त सिपाही सहित कई सफ़ेदपोश भी शामिल हैं.

कफ सीरप मामले में सीबीआई जांच नहीं कराएगी योगी सरकार, मुख्यमंत्री ने कहा - अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में सोमवार को फिर कोडीन युक्त कफ सीरप की तस्करी मामले को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच फिर तकरार हुई. समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग सदन में की. उन्होने कहा सूबे में बीते दो सालों से कोडीन युक्त कफ सीरप की तस्करी देश के कई राज्यों और नेपाल तथा बांग्लादेश तक हुई है. कहा जा रहा है कि 700 कंपनियां बनाकर अवैध कारोबार किया गया. 200 करोड़ रुपए से अधिक की तस्करी हुई है और इस मामले में एसटीएफ़ के बर्खास्त सिपाही सहित कई सफ़ेदपोश भी शामिल हैं.
इन सबकी धरपकड़ के लिए सीबीआई से या फिर वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश से जांच कराई जाए और आरोपियों की कोठी पर भी बुलडोजर चलना चाहिए. कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इसी तरह ही मांग की. जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा राज्य में कफ सीरप से एक भी मौत नहीं हुई और यूपी में 136 फर्मों के खिलाफ एनडीपीएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. राज्य में 77 अभियुक्तों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है.
यूपी का सबसे बड़ा स्टाकिस्ट शुभम जायसवाल, कैंट वाराणसी से सपा के प्रत्याशी अमित यादव का व्यापारिक साझेदार है. मिलिंद यादव भी शुभम का साझेदार है. यह दावा करते हुए सीएम योगी ने बर्खास्त सिपाही की अखिलेश यादव से साथ फोटो भी सदन में दिखाई लेकिन सीएम जांच कराने की विपक्षी सदस्यों की मांग पर चुप्पी साध ली.
आप लोग ही फातिहा पढ़ने जाएंगे
मुख्यमंत्री योगी की कफ सीरप मामले की सीबीआई जांच कराने को लेकर चुप्पी साधने पर विपक्ष ने हंगामा किया. इस पर सीएम योगी ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि चिंता मत कीजिए, समय आने पर बुलडोजर एक्शन की पूरी तैयारी रहेगी, उस समय चिल्लाइएगा नहीं. इस मामले में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस के अंतर्गत कार्रवाई होगी. सरकार ने इस मामले को कोर्ट में लड़ा और जीता है. उन्होंने यह भी कहा कि यूपी के सबसे बड़े होलसेलर को एसटीएफ ने पकड़ा था.
वर्ष 2016 में समाजवादी पार्टी ने उसे लाइसेंस जारी किया था. इस मामले में पकड़ा गया बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह भी पक्का सपाई है.अखिलेश यादव को गिफ्ट देते उसकी फोटो भी है. कफ सीरप मामले के सारे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और जब कार्रवाई होगी तो आप लोग (सपा के लोग) ही फातिहा पढ़ने जाएंगे. लेकिन, हम वह भी मौका नहीं देंगे.