अधिकरण से जुड़े निर्देशों को लागू नहीं करने के सरकार के रूख को लेकर उच्चतम न्यायालय नाखुश
By भाषा | Updated: November 27, 2020 23:05 IST2020-11-27T23:05:38+5:302020-11-27T23:05:38+5:30

अधिकरण से जुड़े निर्देशों को लागू नहीं करने के सरकार के रूख को लेकर उच्चतम न्यायालय नाखुश
नयी दिल्ली, 27 नवंबर सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू नहीं करने पर निराशा जताते हुए शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि समय आ गया है कि इस प्रथा को बंद किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने सरकार को कई बार निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि अधिकरण कार्यपालिका के नियंत्रण में ‘‘एक विभाग की तरह काम नहीं करें।’’
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अधिकरणों द्वारा पारित फैसले तभी प्रभावी होंगे जब वे कार्यपालिका के नियंत्रण से मुक्त होकर काम करें और इससे वे विश्वसनीय बनेंगे और उनमें लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘हम सरकार के निराशाजनक रूख पर गौर कर रहे हैं कि वह इस अदालत द्वारा पारित निर्देशों को लागू नहीं कर रही है। कार्यपालिका के नियंत्रण में अधिकरण एक अन्य विभाग की तरह काम नहीं करे, यह सुनिश्चित करने के लिए बार-बार निर्देश जारी किए गए जिस पर ध्यान नहीं दिया गया इससे याचिकाकर्ता बार-बार अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य हुआ।’’
पीठ ने कहा, ‘‘समय आ गया है कि इस प्रथा को खत्म किया जाए। नियम तय किए गए हैं जो इस अदालत की तरफ से जारी निर्देशों के पूरी तरह विपरीत हैं।’’ पीठ में न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट भी शामिल थे।
उच्चतम न्यायालय की यह टिप्पणी कई याचिकाओं पर आई है जिसमें ‘अधिकरण, अपीलीय अधिकरण और अन्य प्राधिकरणों (सदस्यों की योग्यता, अनुभव और सेवा के अन्य शर्त) नियम, 2020’ की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
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