शांति समिति ने फेसबुक उपाध्यक्ष के मामले में हस्तक्षेप के लिये न्यायालय में आवेदन दाखिल किया

By भाषा | Published: December 3, 2020 09:39 PM2020-12-03T21:39:13+5:302020-12-03T21:39:13+5:30

The peace committee filed an application in the court for intervention in the Facebook vice-president's case | शांति समिति ने फेसबुक उपाध्यक्ष के मामले में हस्तक्षेप के लिये न्यायालय में आवेदन दाखिल किया

शांति समिति ने फेसबुक उपाध्यक्ष के मामले में हस्तक्षेप के लिये न्यायालय में आवेदन दाखिल किया

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर दिल्ली विधान सभा की शांति और सद्भाव समिति ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगे के मामले में गवाह के रूप में पेश होने पर विफल रहने पर जारी सम्मन को चुनौती देने वाली फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजित मोहन की याचिका को लेकर उच्चतम न्यायलय में हस्तक्षेप के लिये बृहस्पतिवार को एक आवेदन दायर किया।

इस बीच, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ ने फेसबुक के अजित मोहन की याचिका पर आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चडढा की अध्यक्षता वाली समिति को नोटिस जारी किया। समिति को चार सप्ताह के भीतर इस नोटिस का जवाब देना है।

इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही समिति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि उन्होंने इस मामले में लिखित कथन तैयार किया है जिसे वह पटल पर रखना चाहते हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि समिति का पक्ष सुनने से पहले उसे याचिका पर नोटिस जारी करना होगा। इस पर धवन ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद पीठ ने समिति को नोटिस जारी किया।

मोहन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि उन्हें धवन को सुने जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन समिति के इस मामले में हस्तक्षेप करने के कानूनी पहलू पर भी गौर करने की आवश्यकता होगी।

पीठ ने कहा कि इस मामले में जवाब के बाद दो सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल किया जाये। पीठ ने इस मामले को जनवरी के तीसरे सप्ताह के लिये सूचीबद्ध कर दिया है।

इस मामले में 15 अक्टूबर को केन्द्र ने न्यायालय में दलील दी थी कि दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति की फेसबुक पर कार्यवाही ‘‘अधिकार क्षेत्र के बिना है’’ क्योंकि यह मुद्दा कानून और व्यवस्था से संबंधित है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि ‘‘सार्वजनिक आदेश और पुलिस दिल्ली विधानसभा के तहत नहीं है और इसलिए यह कार्यवाही बिना अधिकार क्षेत्र के है।’’

शीर्ष अदालत ने 23 सितम्बर को अपने आदेश में विधानसभा की समिति को मोहन के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिये थे।

मोहन, फेसबुक इंडिया ऑनलाइन सर्विसेज प्रा लि और फेसबुक इंक द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि समिति को याचिकाकर्ताओं को उसके समक्ष पेश होने के लिये सम्मन जारी करने या फिर उसके समक्ष पेश नहीं होने पर विशेषाधिकार हनन के लिये जिम्मेदार ठहराने का अधिकार नहीं है।

इस याचिका में विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति द्वारा 10 और 18 सितंबर को जारी नोटिस को चुनौती दी गयी है।

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Web Title: The peace committee filed an application in the court for intervention in the Facebook vice-president's case

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