नौसेना के पूंजीगत मद में अनुमानित एवं जारी राशि में भारी अंतर पर संसदीय समिति ने चिंता जतायी

By भाषा | Published: March 30, 2021 06:05 PM2021-03-30T18:05:20+5:302021-03-30T18:05:20+5:30

The Parliamentary Committee expressed concern over the huge difference in the estimated and released amount of the Navy's capital item. | नौसेना के पूंजीगत मद में अनुमानित एवं जारी राशि में भारी अंतर पर संसदीय समिति ने चिंता जतायी

नौसेना के पूंजीगत मद में अनुमानित एवं जारी राशि में भारी अंतर पर संसदीय समिति ने चिंता जतायी

नयी दिल्ली, 30 मार्च संसद की एक समिति ने नौसेना के लिये बजटीय आवंटन में पूंजीगत मद के तहत अनुमानित और जारी राशि में भारी अंतर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि नौसेना की महत्वपूर्ण परियोजनाओं एवं परिचालन जरूरतों पर ध्यान दिया जाए और पर्याप्त वित्त पोषण किया जाए ।

लोकसभा में इसी माह पेश रक्षा मंत्रालय की अनुदान संबंध मांगों पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2021-22 में राजस्व एवं पूंजीगत आवंटन सहित नौसेना की कुल मांग 1,05,177 करोड़ रूपये थी जबकि आवंटन 56,614 करोड़ रूपये रहा ।

समिति ने कहा है कि नौसेना के मामले में यह उल्लेखनीय असंतुलन है और वह पूंजीगत मद के तहत अनुमानित और जारी राशि में भारी अंतर को गंभीरता से लेती है ।

रिपोर्ट में समिति ने कहा कि नौसेना की महत्वपूर्ण परियोजनाओं एवं परिचालन जरूरतों पर ध्यान दिया जाए और पर्याप्त वित्त पोषण किया जाए ।

इसके अनुसार समिति को रक्षा मंत्रालय ने बताया कि नौसेना लगातार अपनी जरूरतों की समीक्षा करती है और प्राथमिकताओं का निर्धारण करती है ताकि बल को युद्ध के लिये तैयार रखा जा सके और उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग किया जा सके ।

रिपोर्ट में कहा गया कि समिति के समक्ष चर्चा के दौरान विमानवाहक पोत के मुद्दे पर भी व्यापक चर्चा की गई । इसके अनुसार रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों इस संबंध में कहा कि भारतीय नौसेना के पास ‘विक्रमादित्य’ विमानवाहक पोत परिचालन में है ।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ दूसरा विमानवाहक पोत कोचीन में निर्माणधीन है । इसकी आपूर्ति मार्च 2021 में किये जाने की उम्मीद थी लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन जैसे कारणों से अब इसे वर्ष के अंत तक सेवा में शामिल किये जाने की संभावना है । ’’

समिति ने दूसरे विमानवाहक पोत के समय पर सेवा में शामिल किये जाने की उम्मीद जतायी जो स्वदेशी उत्पादन है ।

रिपोर्ट में कहा गया कि विमानवाहक पोत की जरूरत के बारे में समिति को भारतीय नौसेना में तीसरे विमानवाहक पोत की जरूरत के बारे में बताया गया ।

इसमें कहा गया है कि दो विमानवाहक पोत भारतीय तटीय सीमा...पूर्वी एवं पश्चिमी तट की ओर तैनात रहेंगे जबकि तीसरे विमानवाहक पोत का उपयोग ऐसे समय में किया जा सकेगा जब दो विमानावाहक पोत में से कोई मरम्मत या रखरखाव प्रक्रिया से गुजर रहा हो । इसमें कहा गया कि ऐसा इसलिये क्योंकि विमानवाहक पोत की मरम्मत एवं रखरखाव प्रक्रिया में समय लगता है ।

रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की है कि रक्षा मंत्रालय को तीसरे विमानवाहक पोत के विकास के मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।

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Web Title: The Parliamentary Committee expressed concern over the huge difference in the estimated and released amount of the Navy's capital item.

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