'संसद का नया भवन हमारे सनातन संस्कारों और हमारी अपेक्षाओं, आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा'
By भाषा | Updated: December 10, 2020 20:07 IST2020-12-10T20:07:53+5:302020-12-10T20:07:53+5:30

'संसद का नया भवन हमारे सनातन संस्कारों और हमारी अपेक्षाओं, आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा'
नयी दिल्ली, 10 दिसंबर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद का नया भवन हमारे सनातन संस्कारों और 21वीं सदी की हमारी अपेक्षाओं, आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में नायडू ने नए संसद भवन के भूमि पूजन और शिलान्यास के लिए उन्हें बधाई दी।
उन्होंने लिखा, ‘‘संसद के नए भवन के शिलान्यास के लिए आपको बधाई देते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। यह भवन हमारे सनातन संस्कारों और 21वीं सदी की हमारी अपेक्षाओं, आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें खुशी है कि मौजूदा संसद भवन के करीब सौ वर्षों बाद प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में महत्वाकांक्षी परियोजना आकार ले रही है।
राज्यसभा के सभापति नायडू ने कहा कि उन्हें यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि नया भवन सारी सुविधाओं से लैस होगा और हरित प्रौद्योगिकी का भी इसमें इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा देश 2022 में आजादी का 75 वां साल मनाएगा और इस अवसर पर नया संसद भवन हमारे लोकतान्त्रिक मूल्यों को और भी दृढ़ करेगा। सभ्य, शिष्ट संवाद के माध्यम से सहमति बनाने की हमारी प्राचीन परम्परा को और समृद्ध करेगा और जन कल्याणकारी विमर्श के लिए उपयुक्त मंच प्रदान करेगा।’’
उन्होंने लिखा है, ‘‘नया भवन हमारी अपेक्षाओं, आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा। मुझे विश्वास है कि इस शानदार उपलब्धि पर हर भारतीय गौरवान्वित महसूस करेगा और यह समकालीन भारत के उदय का प्रतीक होगा।’’
नायडू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण, सतसंकल्प से सिद्धि हासिल होगी और संसद के नए भवन में देश के जनप्रतिनिधियों को सार्वजनिक मुद्दे पर बहस के लिए उपयुक्त मंच मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पिछले सात दशकों में भारत ने दुनिया का ध्यान खींचा है और विश्व के सबसे बड़े संसदीय लोकतंत्र के तौर पर सराहना पायी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि अपनी संसदीय व्यवस्था की ताकत के बल पर संसद का नया भवन भारत की लोकतांत्रिक जड़ों को और मजबूत करेगा और तेज, सतत समावेशी विकास गाथा के लिए प्रेरित करेगा। ’’
नायडू ने कहा कि ‘लोकतंत्र के नए मंदिर के पूरा हो जाने से देश के गौरवशाली संसदीय इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा।
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