बिहार में नीतीश सरकार को गिराने के लिए बालू माफियाओं से मिलने वाले पैसों का होने वाला था इस्तेमाल, ईओयू की जांच में हुआ खुलासा

By एस पी सिन्हा | Updated: June 25, 2025 17:30 IST2025-06-25T17:30:26+5:302025-06-25T17:30:31+5:30

दरअसल, ईओयू की जांच में खुलासा हुआ है कि राजद से जुड़े इंजीनियर सुनील कुमार उर्फ सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाली एनडीए सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रची थी।

The money received from sand mafia was going to be used to topple the Nitish government in Bihar, revealed in EOU investigation | बिहार में नीतीश सरकार को गिराने के लिए बालू माफियाओं से मिलने वाले पैसों का होने वाला था इस्तेमाल, ईओयू की जांच में हुआ खुलासा

बिहार में नीतीश सरकार को गिराने के लिए बालू माफियाओं से मिलने वाले पैसों का होने वाला था इस्तेमाल, ईओयू की जांच में हुआ खुलासा

पटना: आर्थिक अपराध इकाई(ईओयू) की जांच से बिहार की सियासत में एक बार फिर हड़कंप मच सकता है। दरअसल, ईओयू की जांच में खुलासा हुआ है कि राजद से जुड़े इंजीनियर सुनील कुमार उर्फ सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाली एनडीए सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रची थी। ईओयू ने इंजीनियर सुनील कुमार से मंगलवार को करीब तीन घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान कई सवालों का सामना सुनील कुमार को करना पड़ा। कई सवालों के जवाब भी उसने नहीं दिए। ईओयू के पास जो सबूत मौजूद थे उसका सत्यापन भी हुआ। विधायकों के खरीद-फरोख्त में बालू माफियाओं से मिलने वाले पैसों के इस्तेमाल की बात भी सामने आ रही है।

ईओयू ने जो सबूत पूर्व में जमा किए थे, उसका सत्यापन सुनील कुमार से कराया गया। सूत्रों के अनुसार जांच में यह भी पता चला है कि विधायकों को प्रभावित करने के लिए जो पैसे जमा किए जाने थे, वो बालू माफियाओं समेत कई अन्य संगठित नेटवर्क से आना था। ईओयू की टीम ने बालू माफिया समेत अन्य संगठित नेटवर्क से होने वाली फंडिंग से जुड़े सवाल भी सुनील से विस्तार से किए। सूत्र बताते हैं कि इंजीनियर सुनील ने माफियाओं से अपने संबंध होने की बात को स्वीकार कर लिया है। 

दरअसल, ईओयू के पास वो तमाम सबूत मौजूद थे, जिससे पता चल सके कि सुनील का कनेक्शन माफिया नेटवर्क से था। बता दें कि विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में इंजीनियर को नामजद अभियुक्त बनाया गया। जिसके बाद सुनील ने कोर्ट की शरण ली थी। ईओयू के सूत्र बताते हैं कि जांच आगे बढ़ने के साथ ही इंजीनियर सुनील को दोबारा नोटिस भी भेजा जा सकता है। दरअसल, यह मामला जदयू विधायक सुधांशु शेखर की शिकायत के बाद सुर्खियों में आया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि राजद से जुड़े इंजीनियर सुनील ने उनके रिश्तेदार रणजीत कुमार के जरिए उनसे संपर्क किया और महागठबंधन के पक्ष में फ्लोर टेस्ट में वोट देने के लिए 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का प्रलोभन दिया। यह साजिश 12 फरवरी 2024 को नीतीश कुमार की सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले रची गई थी। इसी दौरान पटना के कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया। बाद में मामला ईओयू को ट्रांसफर कर दिया गया। इसी प्रकरण में इंजीनियर सुनील कुमार का नाम उछला और इओयू ने दबिश तेज की। सूत्रों के मुताबिक सुनील ने माफियाओं से अपने संबंध स्वीकार किए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें आगे बढ़ सकती हैं। 

ईओयू ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में सक्रिय लोगों के जरिए विधायकों को लुभाने की कोशिश के सबूत भी जुटाए हैं। ईओयू ने सुनील से बालू माफिया और अन्य अपराध नेटवर्क से फंडिंग से जुड़े विस्तृत सवाल पूछे हैं। सूत्रों के मुताबिक बिहार में अवैध बालू खनन से होने वाली मोटी कमाई का एक हिस्सा इस सियासी साजिश में लगाया जा रहा था। ईओयू ने पहले ही 52 कुख्यात अपराधियों की 56.95 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को भेजा है। जिनमें कई बालू माफिया भी शामिल हैं। 

ईओयू ने हॉर्स ट्रेडिंग के सबूत जुटाए। इंजीनियर सुनील राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। ईओयू ने शनिवार को उनके पटना के किदवईपुरी और वैशाली के सैदुल्लाहपुर स्थित आवासों पर नोटिस चस्पा किया था। सुनील ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन ईओयू के पास मौजूद सबूत उनकी कानूनी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

Web Title: The money received from sand mafia was going to be used to topple the Nitish government in Bihar, revealed in EOU investigation

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