दिल्ली मेट्रो के लोगो को संस्थान में ही बनाया गया था : अधिकारी

By भाषा | Updated: September 12, 2021 19:15 IST2021-09-12T19:15:45+5:302021-09-12T19:15:45+5:30

The logo of Delhi Metro was made in the institute itself: Officials | दिल्ली मेट्रो के लोगो को संस्थान में ही बनाया गया था : अधिकारी

दिल्ली मेट्रो के लोगो को संस्थान में ही बनाया गया था : अधिकारी

(कुणाल दत्त)

नयी दिल्ली, 12 सितंबर दिल्ली मेट्रो के लोगो (प्रतीक चिह्न) सर्वत्र दिखाई देने वाला चिह्न है और शहर की बड़ी आबादी इसे पहचानती है। भारत में रैपिड ट्रांजिट प्रणाली के जन्म की कहानी की तरह इसके बनने की कहानी भी रोचक और आकर्षित करने वाली है।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की वाणिज्यिक सेवा 25 दिसंबर 2002 को शुरू की गई थी लेकिन इसकी स्थापना वर्ष 1995 में की गई थी। दिल्ली मेट्रो ने अपनी पहली सेवा शाहदरा से तीस हजारी के बीच शुरू की थी इसमें छह स्टेशन थे और यह 8.2 किलोमीटर की दूरी तय करती थी। अब यह नेटवर्क 390 किलोमीटर का हो गया है और इसमें 285 स्टेशन (नोएड-ग्रेटर नोएडा मेट्रो और गुरुग्राम का रैपिड मेट्रो सहित) है।

इसके लोगो के बारे में डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसका निर्माण संस्थान में ही हुआ था। वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ दिल्ली मेट्रो के लोगो पर फैसला करने के लिए कोई प्रतियोगिता आयोजित नहीं की गई थी। हालांकि, कुछ विज्ञापन एजेंसियों के साथ कुछ डिजाइन पर बात हुई थी लेकिन अंतत: लोगो निगम में ही तैयार हुआ। लोगो सुरंग में रेल नेटवर्क और उसकी सुरक्षा, गति और विश्वसनीयता को प्रतिबिंबित करता है।’’

उन्होंने बताया, हालांकि, दिल्ली मेट्रो के लोगों को अंतिम रूप देने के लिए डीएमआरसी के अधिकारियों ने दुनिया भर की मेट्रो प्रणाली में इस्तेमाल प्रतीक चिह्नों का अध्ययन किया था।’’

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे चाहते थे कि लोगो में गतिशीलता दिखाई दे।

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Web Title: The logo of Delhi Metro was made in the institute itself: Officials

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