सीआरपीएफ जवानों के लिए खुशखबरी, सेना की तरह से ही मिल सकती हैं वार्षिक छुट्टियां

By भाषा | Published: February 22, 2019 05:40 AM2019-02-22T05:40:47+5:302019-02-22T05:40:47+5:30

सेना की तर्ज पर ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) अपने जवानों की छुट्टियां बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

the idea of raising the annual holidays of crpf jaws on the lines of army | सीआरपीएफ जवानों के लिए खुशखबरी, सेना की तरह से ही मिल सकती हैं वार्षिक छुट्टियां

सीआरपीएफ जवानों के लिए खुशखबरी, सेना की तरह से ही मिल सकती हैं वार्षिक छुट्टियां

सेना की तर्ज पर ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) अपने जवानों की छुट्टियां बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इससे देश में आतंकवाद निरोधक और नक्सल निरोधक अभियानों में व्यापक रूप से तैनात किये जाने वाले जवानों को अधिक आराम देने में मदद मिलेगी। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। 

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सीआरपीएफ अपने जवानों और कमांडिंग अधिकारी (सीओ) तक के अधिकारियों को साल में 13 और आकस्मिक अवकाश (सीएल) देने पर गौर कर रहा है।

फिलहाल सीआरपीएफ में सीओ रैंक तक के कर्मियों को जम्मू कश्मीर जैसे अभियानगत रूप से सक्रिय क्षेत्र, वाम चरमपंथ वाले क्षेत्र एवं पूर्वोत्तर में उग्रवाद निरोधक ड्यूटी में तैनाती के दौरान साल में 60 अर्जित अवकाश, 15 आकस्मिक अवकाश (सीएल) मिलते हैं।बल अब सीएल बढ़ाकर 28 दिन करने की योजना बना रहा है।

सेना में सिपाही से लेकर सेना प्रमुख तक को 60 अर्जित अवकाश और 28 आकस्मिक अवकाश मिलते हैं, भले वे शांति मिशन पर हों या किसी अभियान पर । इस व्यवस्था से जवानों को अपनी छुट्टी की गतिविधियों की योजना बनाने और अच्छी तरह छुट्टी मनाने में मदद मिल जाती है।

अधिकारियों ने बताया कि इस प्रस्ताव का तब सीआरपीएफ के सैनिकों और अधिकारियों ने समर्थन किया जब बल के महानिदेशक आर आर भटनागर 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी गये थे।पुलवामा में एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे और पांच अन्य घायल हो गये थे।

अधिकारी ने बताया कि तीन लाख कर्मियों वाले सीआरपीएफ के सभी क्षेत्रीय कमांडरों को इस प्रस्ताव पर अपनी राय देने को कहा गया है जिसके बाद उसे (प्रस्ताव को) मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।

Web Title: the idea of raising the annual holidays of crpf jaws on the lines of army

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