मशहूर मैग्जीन 'द इकोनॉमिस्ट' ने मोदी सरकार को किया कटघरे में खड़ा, कहा- लोकतांत्रिक देश में खड़ी की बांटने की खाई 

By रामदीप मिश्रा | Published: January 24, 2020 05:09 PM2020-01-24T17:09:32+5:302020-01-24T17:09:32+5:30

मैग्जीन 'द इकोनॉमिस्ट' ने शीर्षक दिया 'नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विभाजन किया' है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है।

The economist magazine sales on Narendra Modi over caa and nrc | मशहूर मैग्जीन 'द इकोनॉमिस्ट' ने मोदी सरकार को किया कटघरे में खड़ा, कहा- लोकतांत्रिक देश में खड़ी की बांटने की खाई 

'द इकोनॉमिस्ट' ने छापी फोटो।

Highlightsलंदन की मशहूर मैग्जीन 'द इकोनॉमिस्ट' उस समय चर्चा में आ गई जब उसने इस बार गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचनाएं की हैं।मैग्जीन ने अपने कवर पेज पर बीजेपी के चुनाव चिह्न कमल के फूल को कंटीले तारों को बीच में छापा है।

लंदन की मशहूर मैग्जीन 'द इकोनॉमिस्ट' उस समय चर्चा में आ गई जब उसने इस बार गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचनाएं की हैं। मैग्जीन ने अपने कवर पेज पर बीजेपी के चुनाव चिह्न कमल के फूल को कंटीले तारों को बीच में छापा है। उसका संदेश है कि देश के बीच में दीवार खड़ी करने की कोशिश की जा रही है। 

मैग्जीन 'द इकोनॉमिस्ट' ने शीर्षक दिया 'नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विभाजन किया' है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है। मैग्जीन में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), असमर्थ सरकार और आर्थिक मंदी जैसे विषयों को उठाया गया है।

'द इकोनॉमिस्ट' ने लिखा है कि पिछले महीने भारत ने लोगों को नागरिकता देने के लिए मुस्लिमों को छोड़कर, उपमहाद्वीप के सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए कानून में बदलाव किया। साथ ही बीजेपी सरकार अवैध प्रवासियों को खोजने के लिए 130 करोड़ नागरिकों का एक एनआरसी करना चाहती है। लेकिन, देश के 20 करोड़ मुसलमानों के पास भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए पेपर नहीं हैं। इसलिए वे डरे हुए हैं। मोदी सरकार ने घुसपैठियों के लिए शिविरों के निर्माण का आदेश दिया है।

सीएए को लेकर व्यापक और स्थायी रूप से विरोध प्रदर्शन किए हैं। भारत को एक सहिष्णु, बहु-धार्मिक स्थल से एक अराजकवादी हिंदू राज्य में बदलने की कोशिश है, जिसके लिए  छात्रों, धर्म निरपेक्ष लोगों, यहां तक कि बड़े पैमाने पर मीडिया ने भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है।

'द इकोनॉमिस्ट' ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है और देश अंदर खाई पैदाकर विजाभित करना बताया है। मैग्जीन के निशाने पर खासकर सीएए और एनआरसी रहा है। 

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Web Title: The economist magazine sales on Narendra Modi over caa and nrc

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