बिहार में जलभराव वाले इलाकों में मंडराने लगा महामारी का खतरा, मौसम विभाग ने फिर जारी किया एलर्ट

By एस पी सिन्हा | Published: October 2, 2019 08:34 PM2019-10-02T20:34:27+5:302019-10-02T20:35:15+5:30

मौसम विभाग के आंकडों के अनुसार 27 से 29 सितंबर के बीच राज्य में औसतन कुल 207.6 मिमी बारिश बारिश हुई है. अकेले पटना जिले में इस अवधि में 255 मिमी और पटना शहर में 342.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई. 

The danger of pandemic started in the waterlogged areas in Bihar: the smell of rotting water now, meteorological department again released alert | बिहार में जलभराव वाले इलाकों में मंडराने लगा महामारी का खतरा, मौसम विभाग ने फिर जारी किया एलर्ट

मौसम विभाग ने 48 घंटों के अंदर पटना समेत मध्य बिहार के जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है.

Highlightsमौसम विभाग ने एक बार फिर बारिश का अलर्ट जारी किया हैपटना नगर के जल-जमाव वाले इलाकों में तो अब महामारी का खतरा मंडराता दिख रहा है

बिहार में हुई जबर्दस्त बारिश के बाद जलजमाव और बाढ़ की वजह से नारकीय जीवन जी रहे लोग उबरे भी नहीं हैं कि मौसम विभाग ने एक बार फिर बारिश का अलर्ट जारी किया है. हालांकि, पिछले दो दिनों से बारिश नही हुई है, लेकिन पटना नगर के जल-जमाव वाले इलाकों में तो अब महामारी का खतरा मंडराता दिख रहा है. पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन भले ही पूरी ताकत से लगा हो, लेकिन तीन दिन बाद भी स्थितियां जस की तस बनी हुई हैं. सबसे बुरी स्थिति भागलपुर और पटना की है. भागलपुर के 265 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. 

मौसम विभाग ने 48 घंटों के अंदर पटना समेत मध्य बिहार के जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. वहीं, अगले 24 घंटों के अंदर दक्षिण-पश्चिम बिहार के जिलों में भी बारिश की पूरी संभावना जताई गई है. 

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इन इलाकों में मध्यम और हल्की बारिश हो सकती तो कुछ जगहों पर भारी बारिश का भी अलर्ट है. मौसम विभाग ने सरकार को भी इससे अवगत कराया गया है. भारी बारिश, बाढ़ और जल-जमाव की आपदा की चपेट में बिहार के 97 प्रखंडों के 786 गांवों की 17.09 लाख आबादी आई है. पटना, भागलपुर, भोजपुर, नवादा, नालंदा, खगडिया, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर, कटिहार, जहानाबाद, अरवल और दरभंगा मुख्य रूप से प्रभावित हुए हैं. अब तक 44 लोगों मारे जाने और नौ के घायल होने की सूचना है. 

पटना के अति जल जमाव प्रभावित राजेंद्र नगर व कंकडबाग आदि इलाकों में पांच दिनों से सड़ते पानी में अब बदबू असहनीय हो गई है. सड़ते पानी में मरे जनवर भी सड़ रहे हैं. इससे महामारी की आशंका पैदा हो गई है. वैसे एहतियातन नगर निगम ने फॉगिंग शुरू कर दी है. लेकिन आलम यह है कि जमे हुए पानी में से अब बदबू आने लगा है. लोग इन सबके लिए आक्रोश जाहिर कर रहे हैं. जलजमाव ने पटना के लोगों का जीना दुभर कर दिया है. 

वहीं, दो दिनों तक फूड पैकेट्स पहुंचाने के बाद आज वायुसेना के हेलिकॉप्टर्स ने राहत कार्य बंद कर दिया. राजधानी के जलजामाव वाले इलाकों में एयरफोर्स के जवान हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री गिरा रहे थे, लेकिन आज हेलीकाप्टर वापस लौट गया. अभी भी राजेन्द्र नगर और कंकडबाग क्षेत्र में लाखों लोग पानी में फंसे हुये हैं. लोगों को उम्मीद थी कि आज भी हवाई मार्ग से राहत सामग्री मिलेगी. लेकिन हेलिकॉप्टर्स के वापस लौटने से लोगों में मायूसी छा गई. जिस तरह से एयरफोर्स का आपरेशन बंद हुआ है, उससे कहीं न कहीं लोगों के उम्मीद पर पानी फिर गया है क्योंकि अभी भी लोग राहत के इंतजार में हैं. वैसे सरकार कुछ भी दावा कर ले, जलजामाव की स्थिति इतनी विकट है कि सड़क मार्ग से घर-घर राहत सामग्री पहुंचाना संभव नहीं है. अब देखना है कि सरकार जलजामाव वाले इलाकों में कैसे लोगों को सहूलियत पहुंचाती है. ऐसे में जबकि लाखों लोग जलप्रलय से घिरे हैं, एयरफोर्स आपरेशन का बंद होना अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. 

बता दें कि चॉपर के जरिए पटना के अलग-अलग इलाकों में खाद्य सामग्री गिराने का काम युद्धस्तर पर चल रहा था. पटना के निचले इलाकों में लोग भारी जलजमाव के कारण घरों में कैद थे. ऐसे में एयरफोर्स के चॉपर से खाने-पीने की वस्तु लगातार घरों के छतों पर गिराकर राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी.

इसबीच, पटना में जल-जमाव के खिलाफ अगमकुआं के नंदलाल छपरा के पास लोगों का गुस्‍सा फूट पड़ा. लोगों ने सड़कों को जाम कर दिया. वहां लोगों ने जमकर आगजनी किया. जबकि पाटलीपुत्र इलाके में भी जनाक्रोश दिख रहा है. वहां लोग नगर निगम को फेल बता रहे हैं. अल्‍पना मार्केट इलाके के लोगों ने बताया कि वे अपने स्‍तर से जल निकासी करा रहे हैं. हालांकि पटना के प्रभावित इलाकों से जल निकासी का काम लगतार जारी है, लेकिन हालात में संतोषजनक सुधार नहीं है. बारिश रुके हुए 36 घंटे से अधिक हो गए मगर राजेंद्रनगर, बहादुरपुर, सैदपुर और कंकडबाग के हजारों लोग अब भी चार से पांच फीट पानी के बीच फंसे हैं. दिनभर में महज एक से डेढ़ फीट पानी ही निकल सका. आपदा में फंसे लोगों की मदद के लिए 19 राहत शिविर, 226 सामुदायिक रसोई, 1130 नावों को काम पर लगाया गया है. 

मौसम विभाग के आंकडों के अनुसार 27 से 29 सितंबर के बीच राज्य में औसतन कुल 207.6 मिमी बारिश बारिश हुई है. अकेले पटना जिले में इस अवधि में 255 मिमी और पटना शहर में 342.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई. 

आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा है कि शहर में जमा पानी निकालने के काम में और तेजी लाई गई है. तीन पंप सेट बिलासपुर से लाए गए हैं जो आज से जलजमाव वाले क्षेत्र से पानी निकालने का काम शुरू कर दिया है.

Web Title: The danger of pandemic started in the waterlogged areas in Bihar: the smell of rotting water now, meteorological department again released alert

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