नयी दिल्ली, सात जनवरी उच्चतम न्यायालय ने न्यायाधीशों पर ‘आक्षेप’ करने वाली शिकायतों और प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे द्वारा इनमें कार्रवाई करने की संभावना के बारे में शीर्ष अदालत के सूत्रों के हवाले से सामने आने वाली खबरों के प्रति आगाह किया है। न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह गोपनीय और ‘आंतरिक प्रक्रिया’ के बारे में कभी भी जानकारी जारी नहीं करता है।
शीर्ष अदालत का यह आधिकारिक बयान न्यायालय के सूत्रों के हवाले से हाल ही में प्रकाशित कुछ खबरों के बाद आया है। सूत्रों के हवाले से आयी इन खबरों में आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की शिकायत के परिप्रेक्ष में उच्चतर न्यायपालिका के कुछ न्यायाधीशों के खिलाफ प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे द्वारा की गयी और की जाने वाली संभावित कार्रवाई का जिक्र था।
न्यायालय ने अपने पहले सार्वजनिक बयान में कहा है, ‘‘हाल के समय में मीडिया में उच्चतर न्यायपालिका के सदस्यों के खिलाफ आक्षेप लगाने वाली शिकायत और प्रधान न्यायाधीश द्वारा की जाने वाली संभावित कार्रवाई के बारे मे खबरें आ रही हैं।
बयान में इन खबरों की विश्वसनीयता के लिये सूत्र के रूप में शीर्ष अदालत का इस्तेमाल किये जाने की पृष्ठभूमि में कहा गया है कि उच्चतम न्यायपालिका के न्यायाधीशों के खिलाफ शिकायतों पर होने वाले अपनाई जाने वाली आंतरिक प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय होती है और वह कभी भी ऐसी जानकारी जारी नहीं करता है।
बयान के अनुसार, ‘‘जानकारी के स्रोत के रूप में उच्चतम न्यायालय को उद्धृत किया जा रहा है। हमेशा के लिये यह स्पष्ट किया जाता है कि ‘आंतरिक प्रक्रिया’ के तहत होनेवाली सारी जांच पूरी तरह गोपनीय किस्म की होती है, इससे संबंधित कोई भी जानकारी उच्चतम न्यायालय कभी जारी नहीं करता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।