अदालत ने हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर विचार से किया इनकार

By भाषा | Updated: September 30, 2021 21:54 IST2021-09-30T21:54:10+5:302021-09-30T21:54:10+5:30

The court refused to consider the petition related to the appointment of judges in the High Court | अदालत ने हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर विचार से किया इनकार

अदालत ने हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़ी याचिका पर विचार से किया इनकार

नयी दिल्ली, 30 सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय के और न्यायाधीशों की नियुक्ति की मांग वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि कॉलेजियम पहले से ही इस पर काम कर रहा है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने राकेश कुमार गुप्ता की याचिका पर विचार करते हुए कहा, “उच्च न्यायालय ने मामले को देख लिया है और कॉलेजियम की प्रक्रिया जारी है।”

जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए याचिकाकर्ता की याचिका के संबंध में पीठ ने कहा, “उनकी पदोन्नति के लिए एक विशिष्ट मानदंड” है जिसे कॉलेजियम द्वारा कोई सिफारिश करते समय ध्यान में रखा जाता है।

अदालत ने कहा, “कॉलेजियम पहले से ही इस पर काम कर रहा है। एक उचित प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस याचिका को स्वीकार करने की कोई वजह नहीं है।”

याचिकाकर्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय 60 न्यायाधीशों की स्वीकृत क्षमता से कम न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है, जिसका नागरिकों, अर्थव्यवस्था और लंबित मामलों की संख्या पर “नकारात्मक प्रभाव” पड़ रहा था।

उच्च न्यायालय में फिलहाल 29 न्यायाधीश पदस्थ हैं।

याचिका में कहा गया, “न्याय में देरी का न केवल वादियों पर, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। विलंबित न्याय, जिसकी लाठी उसकी भैंस संस्कृति, भ्रष्टाचार, सहचर पूंजीवाद और कमजोर वर्गों को न्याय से वंचित करने को बढ़ावा देता है। अंतिम परिणाम यह है कि देश का विकास बाधित होता है…।”

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उच्च न्यायालय के पास अपनी पूर्ण स्वीकृत क्षमता के साथ काम करने के लिये “पर्याप्त से अधिक” भौतिक बुनियादी ढांचा है और कर्मचारी हैं।

याचिका में कहा गया, “अधिकतम कार्यरत न्यायाधीशों की संख्या 17 अप्रैल 2013 से 31 मई 2013 तक 42 न्यायाधीशों (87.5 प्रतिशत) की थी, उसके बाद यह धीरे-धीरे कम होती गई। 30 जून 2014 से, यह कभी भी 67 प्रतिशत की सीमा से ज्यादा नहीं हुई। 4 दिसंबर 2019 के बाद यह स्वीकृत क्षमता के 59 प्रतिशत से नीचे और अब 50 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है।”

याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि अगले छह महीनों में न्यायाधीशों की अधिकतम स्वीकृत क्षमता प्राप्त करने के लिए उच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति पर और सिफारिशें भेजी जाएं।

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Web Title: The court refused to consider the petition related to the appointment of judges in the High Court

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