अदालत ने ऑक्सीजन सांद्रकों की जमाखोरी के मामले में मैट्रिक्स सेलुलर के चार कर्मियों को जमानत दी
By भाषा | Published: May 12, 2021 05:51 PM2021-05-12T17:51:03+5:302021-05-12T17:51:03+5:30
नयी दिल्ली, 12 मई दिल्ली की एक अदालत ने ऑक्सीजन सांद्रकों की जमाखोरी और इन्हें ऊंचे दाम पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मैट्रिक्स सेलुलर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और उपाध्यक्ष सहित चार कर्मियों को बुधवार को जमानत दे दी।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने आरोपियों को निर्देश दिया कि वे न तो साक्ष्यों से छेड़छाड़ करें, और न ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करें तथा जब भी पुलिस बुलाए, जांच में सहयोग करें।
अदालत ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव खन्ना, उपाध्यक्ष गौरव सूरी और दो अन्य कर्मियों-विक्रांत तथा सतीश सेठी को जमानत दे दी तथा उनसे पचास-पचास हजार रुपये का निजी मुचलका भरने को कहा।
दिल्ली पुलिस ने इन लोगों को पिछले सप्ताह ऑक्सीजन सांद्रकों की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था जो दिल्ली स्थित इनके तीन शीर्ष रेस्तराओं से बरामद हुए थे।
पुलिस के अनुसार मैट्रिक्स सेलुलर को चीन से 650 ऑक्सीजन सांद्रकों की खेप मिली थी जिनमें से 524 बरामद कर लिए गए हैं। प्राणवायु से जुड़े इन उपकरणों को 70-70 हजार रुपये में बेचा जा रहा था।
अदालत ने मंगलवार को अभियोजन से कहा था कि वह कानून बनाने से पहले लोगों को दंडित नहीं कर सकता।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप सात मई को आदेश लेकर आए कि ऑक्सीजन सांद्रक अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दाम पर नहीं बेचे जा सकते, लेकिन मौजूदा प्राथमिकी पांच मई की है।’’
उन्होंने मौखिक टिप्पणी में कहा था, ‘‘सरकार का काम किसी आतंकवादी जैसा नहीं होता। आपको कानून के अनुसार चलना होगा। यदि कोई कानून नहीं है और आपको कोई रिक्तता महसूस होती है तो आपको इसे भरने की आवश्यकता है।
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