न्यायालय ने कोविड में होम्योपैथिक के एहतियाती उपचार के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की बात कही
By भाषा | Updated: December 1, 2020 21:25 IST2020-12-01T21:25:06+5:302020-12-01T21:25:06+5:30

न्यायालय ने कोविड में होम्योपैथिक के एहतियाती उपचार के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की बात कही
नयी दिल्ली, एक दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड के मरीजों के लिये अलग से या एहतियात के रूप में होम्योपैथिक चिकित्सकों को दवा लिखने की अनुमति देने संबंधी आयुष मंत्रालय का आदेश अस्पष्ट है और इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने की आवश्यकता है।
शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय के 21 अगस्त के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुये कहा कि वह इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करेगा। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि आयुष चिकित्सक कोविड-19 के लिये सिर्फ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये गोलियां या मिश्रण लिख सकते हैं।
केन्द्र ने न्यायालय से कहा कि आयुष मंत्रालय ने कोविड संक्रमित मरीजों के लिये सिर्फ अतिरिक्त उपचार के लिये दवाओं को लिखने की अनुमति दी है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि वह कोविड-19 संक्रमित मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिये दवा लिखने की होम्योपैथी चिकित्सकों को अनुमति देने के बारे में स्थिति स्पष्ट करेगी।
न्यायालय ने 19 नवंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी हर किसी को दवायें लिखने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
शीर्ष अदालत ने केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से जानना चाहा था कि क्या आयुष मंत्रालय के इस बारे में कोई दिशा निर्देश हैं। आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी के लिये हैं)।
मेहता ने कहा कि आयुष मंत्रालय के छह मार्च के परामर्श के अनुसार होम्योपैथी चिकित्सक कोविड-19 के इलाज के लिये दवायें नहीं लिख सकते लेकिन वे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली एहतियाती दवायें लिख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में आयुष मंत्रालय ने एक हलफनामा दाखिल किया है, जिसे न्यायालय ने रिकार्ड पर लिया।
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