अदालत ने अस्पताल से हनी बाबू को एक जून तक छुट्टी नहीं देने को कहा, उनके स्वास्थ्य पर रिपोर्ट मांगी

By भाषा | Updated: May 27, 2021 16:53 IST2021-05-27T16:53:25+5:302021-05-27T16:53:25+5:30

The court asked the hospital not to discharge Honey Babu till June 1, asking for a report on his health | अदालत ने अस्पताल से हनी बाबू को एक जून तक छुट्टी नहीं देने को कहा, उनके स्वास्थ्य पर रिपोर्ट मांगी

अदालत ने अस्पताल से हनी बाबू को एक जून तक छुट्टी नहीं देने को कहा, उनके स्वास्थ्य पर रिपोर्ट मांगी

मुंबई, 27 मई बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल से कहा कि वह ऐल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू को एक जून तक छुट्टी ना दे और उनके स्वास्थ्य तथा उनके इलाज पर मेडिकल रिपोर्ट सौंपे।

न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एन. आर. बोरकर की अवकाश पीठ ने कहा कि अगर निजी अस्पताल को हनी बाबू को एक जून से पहले छुट्टी देनी है तो उसे अदालत को सूचित करना होगा और उसकी अनुमति लेनी होगी।

बाबू के इस महीने की शुरुआत में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद उन्हें नवी मुंबई स्थित तालोजा जेल से लाकर सरकारी जे जे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें मुंबई के जीटी अस्पताल ले जाया गया।

उनकी पत्नी जेनी रोवेना ने बाबू के अंतरिम जमानत और चिकित्सकीय सहायता के लिए उच्च न्यायालय में अर्जी दी हैं

हनी बाबू के अधिवक्ता युग चौधरी ने दलील दिया कि बाबू की आंखों में गंभीर संक्रमण हो गया है और उनके बांये आंख की रोशनी जाने का भी खतरा है।

अदालत ने 19 मई को बाबू को अपने खर्च पर दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी।

चौधरी ने बृहस्पतिवार को इस याचिका पर तुरंत सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि बाबू को अभी अस्पताल से छुट्टी देकर जेल नहीं भेजा जाना चाहिए।

चौधरी ने कहा, ‘‘जेल अधिकारियों ने तीन से 12 मई तक आंखों में संक्रमण संबंधी उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया। फिलहाल उनका इलाज ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा है। हमारा एकमात्र अनुरोध है कि उन्हें इस आधार पर अस्पताल से छुट्टी देकर जेल नहीं भेजा जाना चाहिए कि उन्हें महत्वपूर्ण/गंभीर इलाज की जरुरत नहीं है।’’

अदालत ने जब पूछा कि क्या बाबू की आंखों का संक्रमण नयी बीमारी ब्लैक फंगस है, चौधरी ने कहा कि अस्पताल ले इसकी जांच की है लेकिन अभी पता नहीं है कि यह फंगल संक्रमण है या बैक्टीरीयल संक्रमण।

पीठ ने कहा कि अस्पताल को बाबू के स्वास्थ्य पर और उनका क्या इलाज किया गया है, इसपर एक रिपोर्ट अदालत को सौंपनी चाहिए।

न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा, ‘‘म्यूकरमाइकोसिस एक गंभीर संक्रमण है जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है। यह बहुत खतरनाक है। हमें यह जानने की जरुरत है कि उनका उचित इलाज हो रहा है या नहीं।’’

पीठ ने यह भी कहा कि पोस्ट-कोविड समस्या ब्लैक फंगस के इलाज के लिए बीएमसी और सरकारी अस्पतालों में इंजेक्यान उपलब्ध हैं।

पीठ अब इस मामले की एक जून को सुनवाई करेगी। एनआईए ने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एलगार परिषद की बैठक में कथित रूप से भड़काने वाले भाषणों के सिलिसले में जुलाई 2020 को हनी बाबू को गिरफ्तार किया था। परिषद की इस बैठक के अगले दिन जिले में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के निकट हिंसा भड़क गयी थी।

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Web Title: The court asked the hospital not to discharge Honey Babu till June 1, asking for a report on his health

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