अदालत ने अधिक मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर सरकार से विचार करने को कहा

By भाषा | Updated: October 28, 2021 19:02 IST2021-10-28T19:02:26+5:302021-10-28T19:02:26+5:30

The court asked the government to consider the petition seeking more compensation | अदालत ने अधिक मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर सरकार से विचार करने को कहा

अदालत ने अधिक मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर सरकार से विचार करने को कहा

चेन्नई, 28 अक्टूबर मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु और कर्नाटक के सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंक का पर्याय रहे चंदन तस्कर वीरप्पन को पकड़ने के लिए 2002 में नियुक्त विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की कथित ज्यादतियों के पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने संबंधी याचिका पर विचार करने का निर्देश तमिलनाडु सरकार को दिया है।

एसटीएफ ने एक अभियान में अक्टूबर 2004 में चंदन तस्कर वीरप्पन को मुठभेड़ में मार गिराया था।

न्यायमूर्ति आर. महादेवन ने हाल ही में विदियाल पीपुल वेलफेयर फाउंडेशन की एक याचिका का निस्तारण करते हुए अतिरिक्त मुआवजा देने का निर्देश दिया ।

याचिकाकर्ता के अनुसार, तमिलनाडु और कर्नाटक में एसटीएफ द्वारा वीरप्पन की खोज के दौरान जिन लोगों को तकलीफें पहुंची हैं उनके कल्याण के लिए इसी साल फरवरी में इस एसोसिएशन का गठन किया गया है।

वीरप्पन की खोज के दौरान दोनों राज्यों की सीमाओं पर स्थित गांवों के लोगों और आदिवासियों को बड़े पैमाने पर एसटीएफ द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। शिकायत के बाद मामले की जांच करने के लिए एक समिति का गठन किया गया जिसमें कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. जे. सदाशिव और सीबीआई के पूर्व निदेशक सी. वी. नरसिम्हा को शामिल किया गया है।

जांच के बाद समिति ने एक दिसंबर, 2003 को मानवाधिकार आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी और उसकी सिफारिशों के आधार पर तमिलनाडु तथा कर्नाटक सरकारों ने प्रभावित लोगों की सहायता के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये दिए थे। पैनल ने 89 लोगों की पीड़ित सूची भी जारी की थी। 2007 में पीड़ितों को 2.80 करोड़ रुपये बांटे गए थे।

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Web Title: The court asked the government to consider the petition seeking more compensation

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