अदालत ने डीजीसीए से ‘ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट’ की जरूरत पर गौर करने के लिए कमेटी गठित करने को कहा
By भाषा | Published: April 27, 2021 06:00 PM2021-04-27T18:00:24+5:302021-04-27T18:00:24+5:30
नयी दिल्ली, 27 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने नागर विमानन नियामक डीजीसीए को एक चिकित्सकीय कमेटी गठित कर इस पर गौर करने को कहा है कि क्या पायलटों और चालक दल के सदस्यों का ‘ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट’ कराने की जरूरत है या वैकल्पिक तौर पर खून की जांच कराना पर्याप्त होगा।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि मौजूदा महामारी के दौरान ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच करायी जा सकती है या नहीं, इस पर फैसला करते समय कमेटी को यात्रियों के साथ पायलटों और चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा को ध्यान में रखना होगा।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 27 अप्रैल को एक मसौदा आदेश जारी किया जिसके मुताबिक घरेलू परिचालन में शामिल चालक दल के 10 प्रतिशत सदस्यों की औचक तरीके से ‘ब्रेथ एनालाइजर’ जांच होनी चाहिए।
नियामक ने कहा है कि जांच की नयी व्यवस्था अस्थायी आधार पर लागू होगी और यह 17 मई तक प्रभावी होगी।
अदालत ने कमेटी को सुनवाई की अगली तारीख पांच मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
बहरहाल, अदालत ने कहा कि डीजीसीए 28 अप्रैल से नयी व्यवस्था को लागू करेगी।
एअर इंडिया के पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन की एक याचिका पर अदालत ने यह आदेश दिया। इस याचिका में मौजूदा कोविड-19 महामारी के दौरान ‘ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट’ को रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
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