अदालत ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा, साक्षात्कार में अभ्यर्थियों के चयन पर केन्द्र का रूख पूछा

By भाषा | Updated: January 6, 2021 16:32 IST2021-01-06T16:32:56+5:302021-01-06T16:32:56+5:30

The court asked the Center's stand on the selection of candidates for the Civil Services Main Examination, Interview | अदालत ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा, साक्षात्कार में अभ्यर्थियों के चयन पर केन्द्र का रूख पूछा

अदालत ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा, साक्षात्कार में अभ्यर्थियों के चयन पर केन्द्र का रूख पूछा

नयी दिल्ली, छह जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि पदों की संख्या विशेष रूप से दिव्यांगों के लिए रिक्तियां की घोषणा किए बिना अखिल भारतीय सिविल सेवा मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों का चयन करना ‘मनमानी’ है। अदालत ने यह भी जानना चाहा कि यह कैसे तय होता है कि मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के लिए कौन योग्य है।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सिविल सेवा की परीक्षा लेने वाले संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से कहा, ‘‘ऐसे में जब आपकी रिक्तियां बदल रही हैं, आप मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के लिए कितने लोगों को बुलाएंगे? अगर आपको रिक्तियां बताए बगैर कितनी भी संख्या में मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को बुलाने का अधिकार है तो यह मनमानी कहा जाएगी।’’

पीठ ने यह भी जानना चाहा कि परीक्षा की अधिसूचना और याचिका दायर करने वाली संस्था संभावना के द्वारा लगाए गए गणित में आठ रिक्तियों का फर्क कैसे है।

संभावना के अनुसार, रिक्तियों की संख्या 32 होनी चाहिए जबकि परीक्षा के नोटिस में दिव्यांगों के लिए सिर्फ 24 रिक्तियां बतायी गयी हैं।

अदालत ने केन्द्र और यूपीएससी से कहा, ‘‘आपको इन दोनों पहलुओं पर स्पष्टीकरण देना होगा।’’ अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की है।

अदालत दो संगठनों संभावना और एवारा फाउंडेशन की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। दोनों ने अपनी अर्जियों में सिविल सेवा परीक्षा की अधिसूचना को चुनौती देते हुए कहा है कि उसमें दिव्यांगों के लिए सिर्फ अनुमानित रिक्तियों का जिक्र है, अनिवार्य चार प्रतिशत आरक्षण का नहीं।

सुनवाई के दारान उन्होंने पीठसे अनुरोध किया कि वह 8 से 17 जनवरी तक होने वाली मुख्य परीक्षा को स्थगित करने का आदेश दे या केन्द्र को आदेश दे कि वह दोनों याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिव्यांगों के लिए अलग से परीक्षा की व्यवस्था करे।

अदालत ने हालांकि, इस संबंध में कोई अंतरिम आदेश देने से इंकार कर दिया और कहा कि अगर याचिका दायर करने वाले परीक्षा में पास होते हैं तो बाद में उसके आधार पर राहत दी जा सकती है।

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Web Title: The court asked the Center's stand on the selection of candidates for the Civil Services Main Examination, Interview

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