जमीन हड़पने के मामले में खडसे की अर्जी पर अदालत ने ईडी से से किये कई सवाल
By भाषा | Published: March 8, 2021 08:59 PM2021-03-08T20:59:23+5:302021-03-08T20:59:23+5:30
मुम्बई, आठ फरवरी बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जानना चाहा कि यदि किसी मामले में किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है तो क्या उसे गिरफ्तार करना जरूरी है जबकि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार है।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ ने यह भी सवाल किया कि पूछताछ के लिए बुलाया गया इंसान यदि कुछ खास प्रश्नों का उत्तर नहीं देता है तो क्या उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है।
पीठ ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खडसे की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये सवाल किये। याचिकाकर्ता ने अदालत से 2016 के भूमि हड़पने के एक मामले में आर्थिक मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) और ईडी द्वारा उन्हें भेजे गये समन को खारिज करने का अनुरोध किया है।
खडसे के वकील आबाद पोंडा ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता एजेंसी के सामने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए इच्छुक है लेकिन उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि सहयोग के बाद भी इस आधार पर उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया जा सकता है कि उन्होंने पूछताछ के दौरान टाल-मटोल किया।
इस पर पीठ ने कहा, ‘‘ यदि किसी मामले में कोई व्यक्ति जांच में सहयोग कर रहा है तो गिरफ्तार करने की क्या जरूरत है? यदि वह प्रश्नों के उत्तर नहीं देता तो क्या उसे असहयोग के लिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? क्या उसपर गिरफ्तारी की तलवार नहीं लटक रही है? ’’
इस पर ईडी की ओर पेश अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि गिरफ्तारी का प्रश्न इस बात पर निर्भर करेगा जांच किस तरह आगे बढ़ती है।
भाजपा छोड़कर राकांपा में शामिल हुए खडसे 15 जनवरी को यहां ईडी कार्यालय में पेश हुए थे।
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