"जजों और वकीलों के आचरण से लोगों के मन में कानून के प्रति भरोसा पैदा होना चाहिए", चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 16, 2023 09:32 AM2023-08-16T09:32:49+5:302023-08-16T09:35:20+5:30
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायाधीशों और वकीलों को इस तरह से आचरण करना चाहिए ताकि लोगों के बीच देश में कानूनी प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता में विश्वास पैदा हो सके।
नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में वकीलों से अपील की कि वह किसी भी शिकायत के लिए उनसे किसी भी समय संपर्क कर सकते हैं।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कार्यक्रम में कानूनी विशेषज्ञों को आश्वासन दिया कि वह सभी शिकयातों को व्यक्तिगत रूप से देखते हैं और उनके केवल वो शिकायतें ही नहीं होती हैं, जो सीधे उनसे की जाती है बल्कि वो उन शिकायतों को भी गंभीरता से लेते हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों के पास की जाती हैं।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी जो शिकायती पत्र उन्हें संबोधित किया जाता है, वो उनका भी निपटाया करते हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ''मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हर दिन, हर पत्र, हर शिकायत, यहां तक कि सीधे मेरे बजाय यदि सोशल मीडिया पर भी कोई शिकायत की जाती है, तो वह भी मेरे द्वारा ही निपटाई जाती है।''
उन्होंने खुद को सुप्रीम कोर्ट "परिवार का मुखिया" बताते हुए वकीलों से बी अपील की कि वो भी किसी शिकायत के संबंध में उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "मैं वकीलों से अपील करता हूं कि अगर आपको कोई शिकायत है, तो अदालत के बाहर न भागें। बतौर सुप्रीम कोर्ट परिवार के मुखिया मैं यहां पर बैठा हूं आपकी शिकायतों को सुनने के लिए।
सीजेआई ने न्यायपालिका के महत्व के बारे में बोलते हुए कहा कि संविधान ने न्यायपालिका के जरिये यह सुनिश्चित किया कि शासन की संस्थाएं परिभाषित संवैधानिक सीमाओं के भीतर कार्य करें।
उन्होंने कहा, "देश की सभी अदालतें व्यक्तियों को उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए एक लोकतांत्रिक स्थान प्रदान करती हैं।"
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा, "स्वतंत्रता के बाद पिछले 76 वर्षों को देखें तो पता चलता है कि भारतीय न्यायपालिका का इतिहास आम लोगों के दैनिक जीवन और संघर्षों का इतिहास है। हमारा यही इतिहास हमें बहुत कुछ सिखाता है।"
अपने भाषण के आखिर में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "न्यायाधीशों और वकीलों को इस तरह से आचरण करना चाहिए ताकि लोगों के बीच देश में कानूनी प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता में विश्वास पैदा हो सके।"