Lockdown: लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को वेतन देने के लिए उद्योगों पर दबाव नहीं डाला जा सकता: संसदीय समिति के अध्यक्ष

By भाषा | Updated: April 24, 2020 19:26 IST2020-04-24T19:25:02+5:302020-04-24T19:26:20+5:30

संसदीय समिति ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि भूकंप, बाढ़, चक्रवात आदि की स्थिति में कई बार प्रतिष्ठानों को लंबी अवधि के लिए बंद करना पड़ता है। इसमें नियोक्ता की गलती नहीं होती है, ऐसे में श्रमिकों को वेतन देने के लिए कहना अनुचित होगा।

The chairman of the parliamentary committee on labor said - industries cannot be pressured to pay lockdown pay | Lockdown: लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को वेतन देने के लिए उद्योगों पर दबाव नहीं डाला जा सकता: संसदीय समिति के अध्यक्ष

लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को वेतन देने के लिए उद्धोगों पर दवाब नहीं बनाया जा सकता

Highlightsसमिति ने सिफारिश की है कि ले-आफ, छंटनी या कंपनी बंद करने से जुडे विशेष प्रावधन उन उद्योग प्रतिष्ठानों पर लागू होने होने चाहिए जिनमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 300 है।अभी ये प्रावधान 100 कर्मचारियों वाली कंपनियों पर लागू होते है, ऐसे में समिति ने इसे बढ़ाकर 300 करने का सुझाव दिया है।

नयी दिल्ली:  श्रम पर संसदीय समिति के अध्यक्ष एवं बीजू जनता दल सांसद भर्तुहरि महताब ने कहा है कि उद्योगों पर कर्मचारियों को लॉकडाउन की अवधि का वेतन देने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता। कोरोना वायरस की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी बंद के बीच इस समिति ने बृहस्पतिवार को औद्योगिक संबंध संहिता, 2019 पर अपना प्रतिवेदन लोकसभाध्यक्ष ओम बिड़ला को ऑनलाइन सौंपा।

रिपोर्ट में समिति ने किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में प्रतिष्ठानों के बंद होने की स्थिति में श्रमिकों को वेतन देने को लेकर आपत्तियां उठाई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भूकंप, बाढ़, चक्रवात आदि की स्थिति में कई बार प्रतिष्ठानों को लंबी अवधि के लिए बंद करना पड़ता है। इसमें नियोक्ता की कोई गलती नहीं होती। ऐसे में श्रमिकों को वेतन देने के लिए कहना अनुचित होगा। महताब ने कहा कि उद्योगों को मौजूदा बंदी कोविड-19 संकट की वजह से करनी पड़ी है। ऐसे में उन पर कर्मचारियों को बंद की अवधि का वेतन देने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता।

समिति ने सिफारिश की है कि ले-आफ, छंटनी या कंपनी बंद करने से जुडे विशेष प्रावधन उन उद्योग प्रतिष्ठानों पर लागू होने होने चाहिए जिनमें काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 300 है। अभी ये प्रावधान 100 कर्मचारियों वाली कंपनियों पर लागू होते है। समिति ने इसे बढ़ाकर 300 करने का सुझाव दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति के संज्ञान में आया है कि कुछ राज्य सरकारों मसलन राजस्थान में इस सीमा को बढ़ाकर 300 किया गया है। मंत्रालय का कहना है कि इससे रोजगार बढ़ा है और छंटनियां कम हुई हैं।’’ समिति ने सिफारिश की है कि कर्मचारियों की इस सीमा को औद्योगिक (श्रम) संबंध संहिता में ही बढ़ाया जाए।  

Web Title: The chairman of the parliamentary committee on labor said - industries cannot be pressured to pay lockdown pay

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