घुसपैठ को रोकने की खातिर सभी उपाय कर लेना चाहती है बीएसएफ, इंटरनेशनल बॉर्डर पर फिर चुनौती बनने जा रही है बरसात
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 28, 2021 17:41 IST2021-05-28T17:41:12+5:302021-05-28T17:41:12+5:30
सीमा सुरक्षा बल ने इस चुनौती का सामना करने के लिए संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा ग्रिड को और पुख्ता बनाया है। नदी, नालों से लगते इलाकों में अतिरिक्त कंटीली तारें बिछाई गई हैं।

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
जम्मू के इंटरनेशनल बार्डर पर बरसात एक बार फिर बीएसएफ के लिए चुनौती साबित होने जा रही है। यही कारण था कि बरसात के दिनों में सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकने की खातिर बीएसएफ सभी उपाय कर लेना चाहती है।
इसके साथ इन जगहों पर घुसपैठ को रोकने के लिए बेतहर तकनीकी सर्वेलांस का सहारा लिया जा रहा है। संवेदनशील जगहों पर जवानों की तैनात बढ़ाने के साथ ड्रोन की मदद से भी सरहद के हर हिस्सें पर नजर रखी जा रही है। कई स्थानों पर पहली बार बारूदी सुरंगें भी बिछाई हैं। बरसात के दिनों में बाढ़ से नदी, नालों पर फैंसिंग क्षतिग्रस्त हो जाती है।
इसके साथ नदी से सटे इलाकों में जल स्तर कम होने से कई घुसपैठ के रास्ते बन जाते हैं। बारिश के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर दूर तक देखना संभव नही होता है। ऐसे में कई बार आतंकवादी बारिश के बीच घुसपैठ करने के लिए कोशिशें करते हैं।
सीमा पर घुसपैठ को नाकाम बनाने की दिशा में सीमा सुरक्षा बल ने अहम भूमिका निभाई है। जब पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण पाकिस्तानी रेंजर्स की बुनियाद हिला रहा तो उस समय सीमा सुरक्षाबल सीमा से सटे इलाकों की सफाई कर रही थी।