SPG में मेरे सभी भाइयों और बहनों को धन्यवाद, जिन्होंने मेरे परिवार की सुरक्षा के लिए अथक प्रयास कियाः राहुल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 8, 2019 08:27 PM2019-11-08T20:27:19+5:302019-11-08T20:27:19+5:30
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार को दी गयी एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला एक विस्तृत सुरक्षा आकलन के बाद लिया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका से 28 साल बाद एसपीजी सुरक्षा वापस ली जाएगी और इसके बजाय उन्हें सीआरपीएफ की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दी जाएगी।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार को दी गयी एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला एक विस्तृत सुरक्षा आकलन के बाद लिया गया। लिट्टे के आतंकवादियों ने 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। इस फैसले के साथ करीब 3,000 बल वाला एसजीपी अब केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में तैनात रहेगा।
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि एसपीजी को धन्यवाद। SPG में मेरे सभी भाइयों और बहनों को एक बड़ा धन्यवाद, जिन्होंने वर्षों से मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा के लिए अथक प्रयास किया। आपके समर्पण, आपके निरंतर समर्थन और स्नेह और सीखने के लिए धन्यवाद। यह एक विशेषाधिकार रहा है। यह सफर बेहद खास रहा है. बेहतरीन भविष्य के लिए आपको शुभकामनाएं।
A big thank you to all my brothers & sisters in the SPG who worked tirelessly to protect me & my family over the years. Thank you for your dedication, your constant support & for a journey filled with affection & learning. It has been a privilege. All the best for a great future.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 8, 2019
एक अधिकारी ने बताया कि सभी वीआईपी की सुरक्षा की समय-समय पर समीक्षा की जाती है और देश में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खतरे के आकलन के आधार पर सिफारिशें की जाती हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘गांधी परिवार को जेड-प्लस सुरक्षा मिलती रहेगी।’’
फैसले के पीछे की वजह बताते हुए एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उन पर पहले के मुकाबले कम खतरा है और गांधी परिवार के समक्ष सुरक्षा का कोई गंभीर खतरा नहीं है। गांधी परिवार 28 साल बाद बिना एसजीपी सुरक्षा के रहेगा। उन्हें सितंबर 1991 में 1988 के एसजीपी कानून के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था। अधिकारी ने बताया कि गांधी परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ जवान करेंगे। जेड प्लस सुरक्षा में उन्हें अपने घर और देशभर में जहां भी वे यात्रा करेंगे, वहां के अलावा उनके नजदीक अर्द्धसैन्य बल के कमांडो की सुरक्षा मिलेगी। नियमों के तहत एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को सुरक्षाकर्मी, उच्च तकनीक से लैस वाहन, जैमर और उनके कारों के काफिले में एक एम्बुलेंस मिलती है।
सरकार ने इस साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटायी थी। संसद द्वारा 1988 में लागू एसपीजी कानून को शुरुआत में केवल देश के प्रधानमंत्री और 10 वर्षों के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए बनाया गया था।
2003 में कानून में संशोधन किया गया और 10 साल की अवधि घटाकर एक साल कर दी गई। राजीव गांधी की हत्या के बाद पूर्व प्रधानमंत्रियों के करीबी परिजनों को इस सुरक्षा घेरे में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन किया गया जिससे सोनिया गांधी के साथ-साथ उनके बच्चों को एसपीजी सुरक्षा मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
देश में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए अलग बल बनाने की जरूरत तब महसूस की गई जब 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। उनकी हत्या के बाद देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित की गई। उसने विशेष सुरक्षा समूह के गठन की सिफारिश की। 1985 में महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी को इसका पहला निदेशक नामित किया गया।