जम्मू-कश्मीर में टूटी लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन मॉड्यूल की कमर, DGP बोले- अब सामान्य हो रही है स्थिति

By रामदीप मिश्रा | Published: November 20, 2019 06:19 PM2019-11-20T18:19:59+5:302019-11-20T18:19:59+5:30

जम्मू-कश्मीरः पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों के इतने दबाव के बावजूद जम्मू-कश्मीर के अधिकांश युवा इन आतंकी संगठनों से दूर रहे और इनके शिकार नहीं हुए हैं। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या बहुत कम है।

Terrorist outfits have been harassing says Jammu Kashmir DGP Dilbag Singh | जम्मू-कश्मीर में टूटी लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन मॉड्यूल की कमर, DGP बोले- अब सामान्य हो रही है स्थिति

Photo ANI

Highlightsजम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार (20 नंवबर) को लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के मामले पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों ने प्रदेशवासियों को परेशान किया और धमकाया। साथ ही साथ उनके जीवन में हस्तक्षेप किया।

जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार (20 नंवबर) को लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के मामले पर कहा कि आतंकवादी संगठनों ने प्रदेशवासियों को परेशान किया और धमकाया। साथ ही साथ उनके जीवन में हस्तक्षेप किया। लोगों को सुरक्षित माहौल देने के लिए पुलिस और सुरक्षा बल काम कर रहे हैं। स्थिति अब बेहतर है। सामान्य स्थिति लौट रही है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों के इतने दबाव के बावजूद जम्मू-कश्मीर के अधिकांश युवा इन आतंकी संगठनों से दूर रहे और इनके शिकार नहीं हुए हैं। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष आतंकवादी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या बहुत कम है।

कश्मीर घाटी की मौजूदा स्थिति पर डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि मैंने गांदरबल, बांदीपोरा, हंदवाड़ा, कुलगाम का दौरा किया है, जहां  चीजें बदल रही है और बेहतर स्थिति हो रही है। केवल चिंता यह है कि आतंकवादी अभी भी सामान्य जीवन में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं, हमारा प्रयास उनके प्रयासों को विफल करना है।

कश्मीर में प्रवासी मजदूरों व सेब व्यापारियों की हत्या पर उन्होंने कहा कि सोपोर मामले में एक आतंकवादी मारा गया। बिजबेहारा मामले में उसी हत्यारे को देखा गया था। अन्य दो घटनाओं में आतंकवादियों की पहचान कर ली गई है और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।


आपको बता दें कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने 2018 में जम्मू-कश्मीर में 328 बार घुसपैठ की कोशिश की, जो बीते पांच साल में सबसे अधिक है। इनमें से 143 प्रयासों में वे सफल रहे। यह जानकारी गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में दी गई थी। वहीं, जम्मू-कश्मीर में बीते साल 257 आतंकवादी मारे गए और 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, जो बीते पांच साल में सर्वाधिक है। 

रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि के दौरान 39 आम लोगों की भी मौत हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने 2018 में 328 बार जम्मू-कश्मीर में घुसने की कोशिश की, जिनमें से 143 प्रयासों में वे सफल रहे। 2017 में घुसपैठ के 419 प्रयास किये गए, जिनमें से 136 सफल रहे। 2016 में ऐसी 371 कोशिशें की गईं, जिनमें से 119 सफल रहीं। वहीं 2015 में 121 बार घुसपैठ का प्रयास किया गया, जिनमें से 33 में उन्हें सफलता मिली। 2014 में 222 बार घुसपैठ की कोशिश हुई और 65 कोशिशें सफल रहीं। 

Web Title: Terrorist outfits have been harassing says Jammu Kashmir DGP Dilbag Singh

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