केरल में बढ़ा लावारिस कुत्तों का आतंक, अब तक करीब 2 लाख लोगों पर कर चुके हैं हमला, 19 की हुई मौत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 28, 2022 01:39 PM2022-08-28T13:39:13+5:302022-08-28T13:45:44+5:30

केरल स्वास्थ्य विभाग की अगर माने तो राज्य में लावारिस कुत्तों की संख्या पिछले तीन वर्ष में तिगुनी अथवा चौगुनी हो गई है।

Terror unclaimed dogs increased in Kerala so far about 2 lakh people have been attacked 19 killed due to rabbies | केरल में बढ़ा लावारिस कुत्तों का आतंक, अब तक करीब 2 लाख लोगों पर कर चुके हैं हमला, 19 की हुई मौत

केरल में बढ़ा लावारिस कुत्तों का आतंक, अब तक करीब 2 लाख लोगों पर कर चुके हैं हमला, 19 की हुई मौत

Highlightsकेरल में कुतों के काटने के मामले में भारी इजाफा हुआ है। ऐसे में इस साल अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। यही नहीं लोगों द्वारा टीका लगाने के बावजूद भी उनकी मृत्यु हो जा रही है।

तिरुवनंतपुरम: आम तौर पर कहा जाता है कि कुत्ते इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं लेकिन केरल में घरों में और सड़कों पर हाल में कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनके चलते लोगों में कुत्तों को लेकर डर पैदा हुआ है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कुत्तों के काटने के मामले बढ़े हैं और ऐसे मामले इस साल अभी तक दो लाख के करीब पहुंच चुके हैं, जो पिछले पूरे साल 2.21 लाख थे। 

रेबीज से अब तक 19 लोग मर चुके है

हालांकि कुत्तों को लेकर लोगों में भय निराधार नहीं है क्योंकि इस वर्ष अब तक रेबीज से 19 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से एक पलक्कड जिले का 19 वर्षीय छात्र था और टीके लगने के बावजूद उसकी मौत हो गई। कोल्लम जिले के थेवाल्लकार में रहने वाली बुजुर्ग महिला मीनाक्षीअम्मा को पिछले माह एक कुत्ते ने काट लिया था। उस वक्त वह दूध लेने जा रही थीं। 

इस पर बोलते हुए मीनाक्षीअम्मा ने कहा कि पहले पड़ोस में कुत्ते घूमते रहते थे और उन्हें कभी डर नहीं लगा, लेकिन ‘‘अब मुझे उनसे डर लगने लगा है। कुत्ते ने जब काटा, तब बहुत दर्द हुआ। मुझे टीके की चार खुराकें दी गईं और पूरी प्रक्रिया पीड़ादायक रही।’’ 

मामले बढ़ते देख सरकार ने उठाया जरूरी कदम

हालात देखते हुए राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक विशेषज्ञ समिति को इस वर्ष राज्य में कुत्ते के काटने से हुई प्रत्येक मौत की जांच वैज्ञानिक तरीके से करने और एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। 

वहीं, अधिकारियों ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए उच्च स्तरीय बैठकें की हैं, जिनमें कार्ययोजना तैयार करने, केरल में और एबीसी केंद्र स्थापित करने तथा रेबीज रोधी टीके खरीदने के संबंध में कदम उठाने पर विचार-विमर्श किया गया। 

मामले में एसपीसीए ने क्या कहा

मामले में सरकारी अधिकारियों और ‘सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स’ (एसपीसीए) ने कहा है कि इसका उपाय केवल नसबंदी या पशु जन्म नियंत्रण नहीं है, बल्कि पशुओं को टीका लगाना भी है। 

पिछले 3 सालों में यह संख्या तिगुनी अथवा चौगुनी हो गई है

पशुपालन विभाग ने कहा कि 2019 में हुई लावारिस कुत्तों की जनगणना के अनुसार, केरल में लावारिस कुत्तों की संख्या तीन लाख के करीब थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले तीन वर्ष में यह संख्या तिगुनी अथवा चौगुनी हो गई होगी। 

पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ आर वेणुगोपाल ने कहा,‘‘ लेकिन कुत्तों के काटने अथवा इंसानों को रेबीज होने के लिए केवल लावारिस कुत्तों पर ही इल्जाम थोपना ठीक नहीं, पालतू कुत्ते भी बराबर के जिम्मेदार हैं।’’ 
 

Web Title: Terror unclaimed dogs increased in Kerala so far about 2 lakh people have been attacked 19 killed due to rabbies

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