उत्तराखंड में भारत-नेपाल बॉर्डर पर तनाव: पथराव की घटना के बाद भारतीय व्यापारियों ने दोनो देशों को जोड़ने वाला पुल किया बंद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 6, 2022 12:15 PM2022-12-06T12:15:16+5:302022-12-06T12:19:00+5:30
नेपाल से हुए पथराव के बाद भारत-नेपाल सीमा पर तनाव का माहौल बना हुआ है। रविवार, 4 दिसंबर की शाम नेपाल की तरफ से हुए पथराव में भारतीय मजदूरों को चोटें आईं, जिसका बाद भारतीय व्यापारियों ने नारेबाजी कर पुल जाम कर दिया।
नई दिल्ली: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में नेपाल की तरफ से हुई पत्थरबाजी के चलते भारत-नेपाल सीमा पर तनाव का माहौल बना हुआ है। पत्थरबाजी के विरोध में कथित तौर पर सोमवार सुबह से नेपाल को जोड़ने वाले झूला पुल को भारत की ओर से बंद कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने ये जानकारी दी है।
इससे पहले रविवार को नेपाल की ओर से पथराव, नेपाल पुलिस द्वारा पुल बंद करने, अनुरोध के बाद भी नहीं खोलने, भीड़ को काबू में करने के लिए बल प्रयोग करने का मामला सामने आया था। इसमें भारतीय नागरिकों को चोट आयी थी।
वहीं घटना के विरोध में व्यापार मंडल के नेतृत्व में सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय पुल बंद कर दिया गया। धारचूला बाजार भी बंद रखा गया। अंतरराष्ट्रीय पुल बंद कर दिए जाने से नेपाल के लोग भी प्रभावित हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पत्थरबाजी के वक्त नेपाली सुरक्षाकर्मी इस पूरे घटनाक्रम को देख रहे थे किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की। लोगों का कहना है कि जब तक नेपाल प्रशासन पत्थरबाजों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता तब तक उनका विरोध प्रर्दशन जारी रहेगा।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष बी थापा ने कहा, 'हम नेपाल सरकार और प्रतिनिधियों द्वारा हमारे स्थानीय लोगों और व्यापारियों पर किए गए लाठीचार्ज का विरोध कर रहे हैं। हमने यहां पुल को बंद कर दिया है। अगर प्रशासन द्वारा 3 दिनों के अंदर कार्रवाई नहीं करता है, तो हम भूख हड़ताल पर बैठेंगेऔर अपना विरोध जारी रखेंगे।'
बता दें कि भारत में धारचूला कस्बे की सुरक्षा के लिए इस समय करोड़ों की लागत से सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। नेपाल की ओर से कुछ असामाजिक तत्व लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। इससे पहले भी कई बार निर्माण स्थल पर पथराव हो चुका है। तटबंध निर्माण का विरोध करने वाले नेपाल के लोगों का कहना है कि तटबंध बनने पर बरसात में काली नदी से नेपाल की ओर कटाव का खतरा बढ़ेगा जबकि भारतीय अधिकारी और इंजीनियर बता चुके हैं कि वहां पहले ही तटबंध बनने से ऐसा खतरा नहीं है।