तेलंगाना: आदिवासी महिला किसान के समर्थन में आया राष्ट्रीय महिला आयोग, कहा आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई
By आजाद खान | Published: July 15, 2022 11:13 AM2022-07-15T11:13:48+5:302022-07-15T11:16:31+5:30
राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपने पत्र के जरिए आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। आयोग ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है।
हैदराबाद:तेलंगाना के मंचेरियल जिले में आदिवासी महिला किसानों के साथ पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर राष्ट्रीय महिला आयोग का बयान सामने आया है। आयोग ने कहा कि 12 जुलाई को यह मामला उसके संज्ञान में आया है और इसे काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। मामले में आयोग ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर इस केस में उचित कार्रवाई करने की बात कही है।
आपको बता दें कि इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पुलिस को किसानों खास तौर पर महिलाओं पर अत्याचार करते हुए देखा गया था। वीडियो के वायरल होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी कार्रवाई की मांग की है।
आयोग ने क्या कहा
इस वायरल वीडियो पर बोलते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष रेखा शर्मा ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि आदिवासी महिलाएं खासकर किसानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मामले में जल्द से जल्द उचित कार्रवाई हो। उन्होंने आरोपी पुलिस वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
क्या है पूरा मामला
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक आदिवासी महिला किसान को महिला पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया था। वीडियो में यह देखा गया था कि किस तरीके से महिला पुलिस
आदिवासी महिला को बेरहमी से घसीट रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
अब जाकर इस घटना पर कार्रवाई की बात कही जा रही है और आरोपी महिला पुलिस के खिलाफ एक्शन लेने को कहा जा रहा है।
आयोग ने तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक को भी लिखा पत्र
आपको बता दें कि आयोग ने तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिख कर मामले में विस्तृत स्पष्टीकरण देने को कहा है।
उन्होंने यह भी पूछा है कि आदिवासी महिला प्रदर्शनकारियों के साथ इतना घिनौना और असंवेदनशील व्यवहार क्यों किया गया है। यही नहीं आयोग ने आरोपी महिला पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की भी बात कही है।
आयोग ने क्या हवाला दिया
मामले में बोलते हुए आयोग ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) 1989 अधिनियम के अनुसार, जो कोई भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को उनके जमीन से गलत तरीके से बेदखल करता है या उनके अधिकारों में वाधा डालता है, उस अत्याचार कहा जाएगा जिसमें सजा भी होगी। आयोग ने आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा है।