हैदराबाद पर आज से तेलंगाना का पूरा अधिकार, संयुक्त राजधानी का दर्जा हटा, आंध्र प्रदेश से हुई अलग

By आकाश चौरसिया | Updated: June 2, 2024 15:16 IST2024-06-02T14:58:55+5:302024-06-02T15:16:22+5:30

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 की धारा 5 (1) द्वारा निर्धारित किया गया था हैदराबाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी होगी। लेकिन, इसकी उपधारा में ये भी बताया गया था कि यह नियम सिर्फ अगले 10 सालों के लिए है।

Telangana full control over Hyderabad from today separate from Andhra Pradesh | हैदराबाद पर आज से तेलंगाना का पूरा अधिकार, संयुक्त राजधानी का दर्जा हटा, आंध्र प्रदेश से हुई अलग

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsहैदराबाद पर आज से तेलंगाना का पूरा कंट्रोल संयुक्त राजधानी का दर्जा हटा अब मात्र सिर्फ तेलंगाना की राजधानी रहेगा हैदराबाद

नई दिल्ली: देश के पुराने स्मारक और न जाने अनगिनत मस्जिद और कई किले से भरा महानगर हैदराबाद आज से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त रूप में राजधानी नहीं रहेगा। जैसा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 की धारा 5 (1) द्वारा निर्धारित किया गया था। यह अहम बदलाव आज से लागू हो गया है और अब मात्र हैदराबाद सिर्फ तेलंगाना की राजधानी रह गई है। 

साल 2014 में आंध्र प्रदेश को दो हिस्सो में अलग किया गया, तभी से हैदराबाद को आंध्र और तेलंगाना की राजधानी की घोषित कर दिया गया था, इसे लागू हुए करीब 10 साल हो गए हैं। 

हैदराबाद कब बना दो प्रदेशों की संयुक्त राजधानी
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में कहा, 2 जून, 2014 को हैदराबाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त रूप से राजधानी बना था, उस समय ही एक्ट के जरिए बताया गया था कि यह महानगर 10 साल से ज्यादा संयुक्त राजधानी के तौर पर अस्तित्व में नहीं रहेगा। 
 
अधिनियम में साफ बताया गया
इस अधिनियम में ये भी बताया गया था कि इस अवधि के समाप्त होने के बाद जिसका जिक्र इस अधिनियम की उपधारा एक में था, हैदराबाद सिर्फ तेलंगाना की राजधानी मात्र रह जाएगी और आंध्र प्रदेश के लिए एक नई राजधानी बनाएं। 

तेलंगाना राज्य के गठन ने एक लंबे समय से चली आ रही मांग की पूर्ति को चिह्नित किया, क्योंकि फरवरी 2014 में संसद में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक की मंजूरी के बाद 2 जून 2014 को राज्य का दर्जा आधिकारिक तौर पर हासिल किया गया था।

रेवंत रेड्डी का आदेश 
पिछले महीने, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को हैदराबाद में 'लेक व्यू सरकारी' गेस्ट हाउस जैसी इमारतों को पुनः प्राप्त करने का निर्देश दिया था, जिन्हें 2 जून, 2014 के बाद 10 साल की अवधि के लिए आंध्र प्रदेश को आवंटित किया गया था।

फिर भी, कथित तौर पर लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए चुनाव आयोग द्वारा मंजूरी रोके जाने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अलगाव के एक दशक बाद भी, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच संपत्ति के बंटवारे सहित कई अनसुलझे मामले बने हुए हैं। तेलंगाना 2 जून 2014 को अस्तित्व में आया।

Web Title: Telangana full control over Hyderabad from today separate from Andhra Pradesh

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