तेलंगाना: 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए बंदी संजय, पेपर लीक से जुड़ा मामला
By अंजली चौहान | Updated: April 6, 2023 09:53 IST2023-04-06T09:20:46+5:302023-04-06T09:53:32+5:30
भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसद का बचाव करते हुए तेलंगाना सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। बीजेपी का कहना है कि बंदी संजय पर हो रही कार्रवाई निराधार और राजनीति से प्रेरित है।

फाइल फोटो
हैदराबाद: एसएससी पेपर लीक मामले में तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बंदी संजय को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, यानी 19 अप्रैल तक अब वह जेल में रहेंगे।
करीमनगर से बीजेपी सांसद बंदी संजय को देर रात पुलिस ने उनके आवास पर जाकर उन्हें हिरासत में ले लिया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा काटा। पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा कार्रवाई के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
पुलिस के मुताबिक, 3 अप्रैल को माध्यमिर विद्यालय परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हो गए थे। इसके बाद एक आरोपी को बीजेपी अध्यक्ष ने स्थिति का फायदा उठाने का निर्देश दिया और उन्हें फिर से प्रसारित करने का काम किया है।
पुलिस ने कहा, "बीजेपी के राज्य प्रमुख ने इस प्रश्नपत्र लीक होने से रोकने में सरकार की विफलता के रूप में पेश करने की कोशिश की।"
Fear is real in BRS.!
— Bandi Sanjay Kumar (@bandisanjay_bjp) April 4, 2023
First they stop me from conducting press meet & now arrest me late in night.
My only mistake is to Question BRS govt on its wrong doings.
Do not stop questioning BRS even if I am jailed.
Jai Sri Ram !
Bharat Mata ki Jai !
Jai Telangana ! ✊🏻 pic.twitter.com/hzdHtwVIoR
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसद का बचाव करते हुए तेलंगाना सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। बीजेपी का कहना है कि बंदी संजय पर हो रही कार्रवाई निराधार और राजनीति से प्रेरित है।
दरअसल, प्रदेश में बंदी संजय बीआरएस सरकार के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की हमेशा आलोचना करते आए हैं वह हमेशा केसीआर सरकार की नीतियों का विरोध करते आए हैं ऐसे में इस कार्रवाई के कारण बीजेपी और बीआरएस दोनों आमने-सामने आ गए हैं।
क्या है पेपर लीक मामला?
गौरतलब है कि तेलंगाना में मानक 10 एसएससी बोर्ड परीक्षा के तेलुगु प्रश्न पत्र दूसरे दिन मंगलवार 4 अप्रैल को एक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए लीक हो गया, जब एक छात्र ने दूसरे छात्र से पेपर की तस्वीर साझा की।
ये छात्र परीक्षा के लिए उपस्थित हुए और परीक्षा के दौरान इसे छात्र के भाई के साथ साझा किया गया। पुलिस ने कहा कि पेपर को एक समूह पर पोस्ट किया गया था और बाद में एक आरोपी द्वारा अन्य समूहों में साझा किया गया था, जिसने बंदी संजय कुमार को एक प्रति भी भेजी थी।
पुलिस ने दावा किया है कि बंदी संजय ने एसएससी सार्वजनिक परीक्षा के दौरान छात्रों और उनके माता-पिता के बीच डर पैदा करने की साजिश रचकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश की थी, क्योंकि प्रश्नपत्र लीक होने का दोष तेलंगाना प्रशासन पर पड़ेगा।
पुलिस ने यह भी कहा कि बंदी संजय कुमार ने दो अन्य आरोपियों की मदद से सेल फोन पर एक प्रश्न पत्र की फोटो खींचकर एसएससी के चल रहे पेपर को लीक करने की योजना बनाई थी।