हैदराबाद, 6 सितंबरः पिछले कई दिनों से जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना विधानसभा भंग कर दी है। इसी के साथ प्रदेश का रुख चुनाव की तरफ मोड़ दिया गया है। गुरुवार को कैबिनेट की मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया। गौरतलब है कि तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) का कार्यकाल मई 2019 तक है लेकिन मुख्यमंत्री ने विधानसभा भंग करके इस साल के अंत में ही चुनाव कराना चाहते हैं। इसी साल 2018 में के नवंबर से दिसंबर के बीच में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के चुनाव होने हैं। विधानसभा भंग करने का फैसला करने के बाद केसीआर ने राज्यपाल से मुलाकात की। 22 मिनट की बैठक के बाद राज्यपाल ने कैबिनेट का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। चंद्रशेखर राव ने कहा है कि आज वो 105 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेंगे।
अंतरिम मुख्यमंत्री पर विचार
तेलंगाना विधानसभा भंग होने की स्थिति में राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन केसीआर को चुनाव होने तक अंतरिम मुख्यमंत्री बने रहने को कह सकते हैं। इसके बाद केसीआर पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। सभी विधायकों को हैदराबाद में मौजूद रहने को कहा गया है।
केसीआर के लकी नंबर का खेल
गुरुवार को प्रगति भवन में चंद्रशेखर राव ने 12.57 बजे कैबिनेट मीटिंग की। इसी बैठक के बाद विधानसभा भंग करने का फैसला किया गया। इससे पहले यह मीटिंग सुबह 6.45 बजे रखने का फैसला किया गया था। इसके अलावा इसके लिए 6 सितंबर का दिन चुना गया। माना जा रहा है कि केसीआर का लकी नंबर 6 है।
टीआरएस हमेशा चुनाव के लिए तैयार
समय से पूर्व चुनाव करने के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों पर के.चंद्रशेखर राव ने कहा था कि टीआरएस हमेशा चुनाव के लिए तैयार है। राव ने कहा, 'आमतौर पर सत्ताधारी पार्टी अपना कार्यकाल पूरा करना चाहती है। कोई नहीं चाहता कि वह समय से पहले चुनाव करा लें, लेकिन विपक्ष इस चीज के लिए ज्यादा बेसब्र रहता है और सत्ता में आई सरकार को हटाना चाहता है।'
2019 में होगा राव का कार्यकाल पूरा
के.चंद्रशेखर राव ने आगे कहा था, 'हालांकि तेलंगाना में सीन उल्टा है। यहां टीआरएस चुनाव के लिए तैयार है और विपक्ष यह सवाल पूछ रहा है कि आप चुनाव जल्दी क्यों कराना चाहते हैं? हालांकि, राव का कार्यकाल मई 2019 में पूरा होगा। तेलंगाना में पहली विधानसभा के लिए मई 2014 में चुनाव हुए थे।