पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सरकारी बंगले में हुए फिजूलखर्ची की नये सिरे से होगी जांच
By एस पी सिन्हा | Published: June 4, 2019 07:24 PM2019-06-04T19:24:44+5:302019-06-04T19:24:44+5:30
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिये हर संभव प्रयास करेंगे. अशोक चौधरी ने कहा कि पूर्व भवन मंत्री ने इस पर जांच कराया था, लेकिन मैं उसे नए सिरे से देखूंगा कि मामला कहां तक पहुंचा है.
बिहार विधानसभा में नेता विरोधी दल व पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सरकारी बंगले में हुये फिजूलखर्ची की नये सिरे से जांच कराने का निर्णय लिया गया है.
भवन निर्माण विभाग के नये मंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करते हीं अशोक चौधरी ने इस आशय का निर्देश विभाग के अधिकारियों को दिया है. कार्यभार संभालने के बाद मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की और कई दिशा निर्देश दिये.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिये हर संभव प्रयास करेंगे. अशोक चौधरी ने कहा कि पूर्व भवन मंत्री ने इस पर जांच कराया था, लेकिन मैं उसे नए सिरे से देखूंगा कि मामला कहां तक पहुंचा है.
तेजस्वी यादव की बढ़ेगी परेशानियां
यहां बता दें कि उप मुख्यमंत्री व भवन निर्माण मंत्री रहते हुये तेजस्वी यादव को 5 देशरत्न मार्ग पर जो सरकारी बंग्ला मिला था, उसमें तेजस्वी यादव की तरफ से फिजूलखर्जी और सरकारी धन के दुरुपयोग की बात सामने आई थी. इसे लेकर सुशील मोदी ने खूब हाय तौबा मचाया था. जिसके बाद सरकार ने इसमें जांच करने का फैसला लिया था.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि काफी हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद तेजस्वी यादव का सरकारी बंगला खाली कराया गया था. तेजस्वी यादव ने सरकारी बंगला खाली नहीं करने के लिये पटना हाईकोर्ट में याचिका डाली थी.
हाईकोर्ट से याचिका रद्द होने के बाद उन्होंने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी तेजस्वी यादव की याचिका को खारिज कर दी और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.