पटनाः बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू होने वाला है. लेकिन इस सत्र में शामिल होने के सवाल पर विपक्ष के विधायक के डरे हुए हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्र के दौरान सदन में हुए बवाल का मामला फिर से उठाया है. दरअसल, बजट सत्र के दौरान पुलिस विधेयक पर अभूतपूर्व हंगामे के बाद विधानसभा में पुलिस बल को बुलाना पड़ा था. इस दौरान पुलिस ने विधायकों को उठा कर और घसीटते हुए सदन से बाहर कर दिया था.
इस घटना के बाद तेजस्वी ने कहा था कि जब तक इस मामले के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, वे सदन में नहीं जाएंगे. अब सरकार ने मानसून सत्र बुलाने का ऐलान किया है तो तेजस्वी ने विधानसभा में विपक्षी विधायकों के साथ हुई मारपीट के मसले को लेकर तीसरी बार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को पत्र लिखा है.
तेजस्वी यादव ने इसके पहले 23 मार्च और उसके बाद दूसरी बर 3 अप्रैल को बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था. उन्होंने इस बार फिर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विपक्षी विधायकों के साथ मारपीट करने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग रखी है.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि गत बिहार विधानसभा सत्र में माननीय विधायकों के साथ हुई मारपीट के दोषी अधिकारियों पर अभी तक कारवाई नहीं करने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा. उनका कहना है कि इससे पहले भी उन्होंने कार्रवाई की मांग की थी लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई नही की गई.
तेजस्वी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि 23 मार्च 2020 को विधानसभा में हुई घटना की वजह से विधायक अब तक डरे हुए हैं. विपक्षी दलों के सभी विधायकों ने बैठक कर उनसे आग्रह किया है कि वे सदन में सुरक्षा की गारंटी दिलाएं. उन्होंने कहा कि विधायक विधानसभा में जाने से डर रहे हैं और वे तभी सदन में जाएंगे, जब पूरे मामले में संलिप्त पदाधिकारी और कर्मियों पर कार्रवाई करते हुए सरकार उन्हें सुरक्षा का आश्वासन देगी. तेजस्वी ने अपने पुराने पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि इस जघन्य घटना को लेकर कार्रवाई नहीं हुई तो इतिहास माफ नहीं करेगा.
उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस मामले में समुचित कार्रवाई हो चुकी होगी. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई का ब्योरा सभी विधायकों को उपलब्ध कराने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष ने पत्र के माध्यम से कई सवाल भी खडे़ किए हैं. उन्होंने पूछा है कि विधानसभा परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल किसके आदेश से पहुंचा था?
अवैध तरीके से आए हुए पुलिसकर्मियों को विधायकों पर अत्यधिक बल प्रयोग करते हुए लात-जूतों से मारने और जानवरों की तरह उठाकर फेंकने सहित जानलेवा हमला करने का आदेश किसने दिया था? तेजस्वी ने पूछा है कि आखिर महिला विधायकों के साथ हुए दुर्व्यवहार, बाल खींच कर मारने-घसीटने समेत अन्य तरीके से यातना देने का आदेश किसने दिया था?
तेजस्वी यादव ने लिखा है कि विधायकों को यह डर सता रहा है कि लोकतंत्र के मंदिर में आखिर उनकी सुरक्षा कैसे होगी? उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से यह मांग की है कि हम लोगों को सुरक्षा की गारंटी दी जाए. तभी विधानसभा के सत्र में शामिल हो पाएंगे. उन्होंने उम्मीद जताई है कि विधानसभा अध्यक्ष के रहते इस तरह की घटना दोबारा सदन में नहीं होगी.
तेजस्वी के इस पत्र से राजनीति गर्माने की उम्मीद है. यहां बता दें कि बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार काफी संक्षिप्त होगा. पांच दिनों का सत्र 26 जुलाई से शुरू होकर 30 जुलाई तक चलेगा. फिर भी यह पिछले साल के मानसून सत्र की अपेक्षा बडा होगा, क्योंकि पिछली बार सत्र में केवल एक ही बैठक हुई थी.