Teachers’ Day 2024: क्यों 5 सितंबर को मनाया जाता है शिक्षक दिवस? जानें क्या है इस दिन की खासियत और इतिहास
By अंजली चौहान | Updated: September 4, 2024 16:31 IST2024-09-04T16:28:30+5:302024-09-04T16:31:04+5:30
Teachers’ Day 2024: शिक्षक दिवस, दुनिया भर में शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए समर्पित दिन, विभिन्न देशों में अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। भारत में, यह 5 सितंबर को मनाया जाता है, यह दिन विशेष महत्व रखता है।

Teachers’ Day 2024: क्यों 5 सितंबर को मनाया जाता है शिक्षक दिवस? जानें क्या है इस दिन की खासियत और इतिहास
Teachers’ Day 2024: छात्रों का अपने शिक्षकों के प्रति खास लगाव होता है। और ऐसा हो भी क्यों न, हम सभी के लिए हमारे गुरू सबसे सर्वोपरि है क्योंकि उनकी ही दी शिक्षा हमें बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देती है। स्टूडेंट और टीचर के बीच इस अनोखे रिश्ते को ही सेलिब्रेट करने के लिए हर साल भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। बच्चों से लेकर शिक्षकों को पांच सितंबर का बेसब्री से इंतजार होता है क्योंकि इस दिन बच्चे अपने शिक्षकों का आभार जताते हैं उन्हें तोहफे देते हैं।
मगर सवाल यह है कि जहां पूरे विश्व में पांच अक्टूबर को वर्ल्ड शिक्षक दिवस मनाया जाता है वहीं, भारत में पांच सितंबर को क्यों टीचर्स डे मनाया जाता है। हम जानते हैं यह सवाल आपके मन में जरूर आया होगा। तो आइए इसका जवाब हम आपको देते हैं।
कैसे शुरू हुआ शिक्षक दिवस का समारोह?
दरअसल, शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है, जो भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। वे एक महान दार्शनिक और विद्वान थे। उन्हें 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया और 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता दी गई।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को मद्रास प्रेसीडेंसी में हुआ था। एक प्रसिद्ध शिक्षक, डॉक्टर राधाकृष्णन ने कलकत्ता विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। वे एक विपुल लेखक भी थे और उन्होंने अमेरिका और यूरोप में अपने व्याख्यानों के माध्यम से अंतर-सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा दिया।
जब डॉक्टर राधाकृष्णन 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्र उनसे मिलने आए और उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि छात्र इस दिन को शिक्षकों को समर्पित करें। इस प्रकार, 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस का महत्व
भारतीय संस्कृति गुरु और शिष्य (शिक्षक और छात्र) के बीच के रिश्ते को बहुत महत्व देती है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस न केवल डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती का उत्सव है, बल्कि यह शिक्षकों के समर्पण और कड़ी मेहनत का भी सम्मान करता है। जहां छात्रों को अपनी कृतज्ञता और प्रशंसा व्यक्त करने का अवसर मिलता है, वहीं शिक्षकों को आत्म-चिंतन करने और छात्रों के लिए एक स्वस्थ और प्रेरक वातावरण बनाने का मौका मिलता है। यह उनके छात्रों की सफलता के लिए उनके समर्पण, कड़ी मेहनत और अटूट प्रतिबद्धता को पहचानने का समय है। शिक्षकों को अनगिनत व्यक्तियों के जीवन को आकार देने वाले मार्गदर्शक, मार्गदर्शक और दूसरे माता-पिता के रूप में देखा जाता है।
शिक्षक दिवस मनाने के तरीके
कुछ सामान्य परंपराएं है जिसमें स्कूल अक्सर शिक्षकों को विशेष उपहार, उपहार और आश्चर्य के साथ सम्मानित करने के लिए एक दिन समर्पित करते हैं।
इस दिन छात्र अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए प्रदर्शन करते हैं। स्कूल ऐसी गतिविधियाँ आयोजित करते हैं जो शिक्षकों और छात्रों के बीच संपर्क और जुड़ाव को बढ़ावा देती हैं।
स्कूल और कॉलेज सांस्कृतिक प्रदर्शन, भाषण और पुरस्कार समारोह सहित विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं। छात्र हार्दिक संदेशों, उपहारों और प्रशंसा चिह्नों के माध्यम से अपना आभार व्यक्त करते हैं।