दिन में दो बार मिल रही चाय, खीर और टमाटर सूप: दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा
By भाषा | Updated: December 11, 2020 19:33 IST2020-12-11T19:33:42+5:302020-12-11T19:33:42+5:30

दिन में दो बार मिल रही चाय, खीर और टमाटर सूप: दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा
(गौरव सैनी)
नयी दिल्ली, 11 दिसंबर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जल रहे अलाव के पास बैठे 52 वर्षीय मक्खन सिंह देओल चाय की चुस्की के साथ भुने हुए चने खाते हुए कहते हैं, “किसानों के पास सर्दी बिताने के लिए पर्याप्त भोजन है।”
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए जीटी-करनाल रोड उनका नया घर बन गया है।
पंजाब स्थित गुरदासपुर से शुक्रवार की सुबह गुड़, भुने हुए चने और मूंगफली लेकर एक ट्रॉली प्रदर्शन स्थल पर पहुंची।
इससे पहले खजूर और गजक के साथ एक अन्य वाहन बृहस्पतिवार को सिंघू बॉर्डर पर पहुंचा था।
देओल ने कहा, “यह हमें गर्म रखने के लिए है। आओ, खाओ। तुमको ठंड नहीं लगेगी।”
उन्होंने चाय खत्म ही की थी और अब वह गाजर का हलवा खाने जा रहे थे।
जालंधर स्थित शहीद भगत सिंह युवा संघ के जगजीत संधू के अनुसार, किसानों को ठंड से बचाने के लिए दिन में दो बार चाय, खीर और टमाटर का जूस दिया जा रहा है।
कई गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ता ट्रॉली में भर कर कॉफी, चाय, दूध, गुड़, खजूर और मूंगफली भेज रहे हैं।
संधू ने कहा, “बहुत सारे किसान 50 की उम्र से ज्यादा के हैं। वह घर की रजाई छोड़कर यहां समुदाय के लिए संघर्ष करने आए हैं। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अच्छी तरह खा पी सकें और स्वस्थ रहें।”
उन्होंने कहा, “हमारे पास तिरपाल और कंबल भी हैं।”
गुड़ और मूंगफली खाते हुए 67 वर्षीय अकाल बीर सिंह ने कहा, “हम अच्छा समय व्यतीत कर रहे हैं, हमारी चिंता न करें।”
कोलकाता स्थित गैर लाभकारी चिकित्सा सेवा केंद्र की ओर से लगाए गए मुफ्त चिकित्सा शिविर पर डॉ मृदुल सरकार ने कहा कि बड़ी संख्या में किसानों को सर्दी जुकाम हो गया है।
उन्होंने कहा, “आमतौर पर सर्दियां बुजुर्गों के लिए हानिकारक होती हैं।”
सितंबर में लागू हुए कृषि कानूनों के बारे में सरकार का कहना है कि यह किसानों के हित में है लेकिन विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को डर है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म हो जाएगा।
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