चेन्नई:तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां दो जातियों के मंदिर में पूजा-पाठ करने को लेकर विवाद पैदा हो गया। मामला विल्लुपुरम जिले में मेलपाडी के पास द्रौपदी अम्मन मंदिर का है।
यहां एक ऊंची जाति और दलितों के बीच गहरी खाई आज भी वैसे ही बनी हुई है। इसका नतीजा यह हुआ कि दलितों के मंदिर में प्रवेश करने और पूजा-पाठ करने पर ऊंची जाति के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि इसमें प्रशासन को दखल देना पड़ा। जानकारी के अनुसार, प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के मंदिर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है और किसी से भी मंदिर के पास जाकर पूजा-पाठ की मनाही है।
मंदिर हुआ सील
मामला सामने आने के बाद विलुप्पुरम जिला राजस्व आयुक्त रविचंद्रन ने प्रमुख जाति के सदस्यों और दलितों के बीच मंदिर में प्रवेश के मुद्दे पर मेलपाथी गांव में धर्मराज द्रौपदी अम्मन मंदिर को सील करने का आदेश दिया।
मंदिर के गेट पर चिपकाए गए एक आधिकारिक नोटिस में लिखा है, "गाँव में दो वर्गों के बीच अत्यधिक पूजा-पाठ की समस्या के कारण असाधारण स्थिति बनी हुई है।
इससे कानून और व्यवस्था के मुद्दों की संभावना बनती है। इस पर विचार करते हुए, एक निष्कर्ष प्राप्त होने तक, दोनों खंड मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है।"
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार,यह मामला अप्रैल से चल रहा है। जब अप्रैल माह में दलित भी मंदिर में प्रवेश करने लगे। इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कई दौर की बातचीत के बाद भी इस मुद्दे पर कोई सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं निकल सका।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस साल अप्रैल में दलित समुदाय के एक व्यक्ति ने मंदिर में प्रवेश किया था, जिस पर दबंग जाति ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद उन्होंने दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया।
तब से, दो समुदायों के बीच मनमुटाव चल रहा है और कम से कम चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इसलिए, कानून व्यवस्था की समस्याओं को रोकने के लिए, अधिकारियों द्वारा मंदिर को सील कर दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए गांव में चौकसी मजबूत करने के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। बता दें कि मंदिर हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग के तत्वावधान में चलता है।
इंडिया टुडे के अनुसार, विल्लुपुरम के सांसद डी रविकुमार ने पार्टी के अन्य सभी नेताओं के साथ सोमवार को जिला कलेक्टर सी पलानी को एक ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि सभी भक्तों को बिना किसी जाति के पक्षपात के मंदिर के अंदर जाने दिया जाए।