बेहतर शासन-व्यवस्था के मामले में तमिलनाडु देश में अव्वल राज्य रहा है जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक इस मामले में क्रमश : दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं।
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी सुशासन सूचकांक (जीजीआई) में छत्तीसगढ़ को चौथा स्थान मिला है। इसके बाद आंध्र प्रदेश को पांचवें , गुजरात को 6 वें , हरियाणा को 7 वें और केरल 8 वें पायदान पर रहा है। इस सूचकांक में मध्य प्रदेश नौंवें, पश्चिम बंगाल दसवें स्थान पर रहा है।
वहीं , तेलंगाना 11 वें , राजस्थान (12 वें), पंजाब (13 वें), ओडिशा को (14 वां), बिहार को (15 वां), गोवा (16 वें), उत्तर प्रदेश (17 वें) और झारखंड 18 वें स्थान पर रहा है। कुछ अलग अलग संकेतकों के आधार पर इस रैंकिंग में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन समूहों में बांटा गया है। ये समूह बड़े राज्य , पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश हैं।
पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में, हिमाचल प्रदेश शीर्ष स्थान पर रहा है। इसके बाद उत्तराखंड, त्रिपुरा, मिजोरम, सिक्किम, असम, जम्मू एवं कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश का स्थान रहा है। जम्मू - कश्मीर को अब दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू - कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया है।
केंद्र शासित प्रदेशों में पुडुचेरी पहले पायदान पर है। इसके बाद चंडीगढ़, दिल्ली, दमन एवं दीव, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, दादर एवं नगर हवेली और लक्षद्वीप हैं। कार्मिक मंत्रालय ने कहा , " मौजूदा समय में राज्यों में सुशासन की स्थिति का निष्पक्ष आकलन करने के लिए कोई एक समान सूचकांक नहीं है।
हालांकि, सुशासन सूचकांक राज्यों में सुशासन की स्थिति और राज्य सरकार तथा केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के प्रभाव का आकलन करने के लिए एक साधन तैयार करने की दिशा में किया गया प्रयास है। " इस सूचकांक में क्षेत्र के आधार पर भी रैंकिंग की गई है। कृषि और संबद्ध क्षेत्र में, बड़े राज्यों की श्रेणी में पहले पायदान पर मध्य प्रदेश है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ क्रमश : दूसरे और तीसरे पायदान पर हैं।
पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में मिजोरम जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में दमन एवं दीव पहले स्थान पर रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग क्षेत्र के मामले में बड़े राज्यों की श्रेणी में झारखंड पहले स्थान पर है। इसके बाद आंध्र प्रदेश और तेलगांना हैं।
पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों में उत्तराखंड जबकि केंद्रशासित प्रदेश में दिल्ली शीर्ष पर रही है। मानव संसाधन विकास क्षेत्र में बड़े राज्यों की श्रेणी में गोवा शीर्ष पर है। पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों में हिमाचल प्रदेश शीर्ष पर रहा है जबकि केंद्रशासित प्रदेश में पुडुचेरी शीर्ष पर है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य रैंकिंग में, बड़े राज्यों की श्रेणी में केरल पहले पायदान पर है। इसके बाद तमिलनाडु और गोवा का नंबर है। पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों में मणिपुर और केंद्र शासित प्रदेशों में पुडुचेरी शीर्ष पर है। न्यायिक एवं जन सुरक्षा क्षेत्र में पहले पायदान पर तमिलनाडु है।
इसके बाद केरल, छत्तीसगढ़ , राजस्थान , महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश , कर्नाटक , गोवा , आंध्र प्रदेश , पंजाब , गुजरात , हरियाणा , ओडिशा , झारखंड , उत्तर प्रदेश , तेलगांना , पश्चिम बंगाल और बिहार हैं। पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों में हिमाचल प्रदेश पहले पायदान पर है जबकि केंद्र शासित प्रदेश में पुडुचेरी शीर्ष स्थान पर है।
अन्य क्षेत्रों में सार्वजनिक बुनियादी ढांचा संरचना , आर्थिक सुशासन , समाज कल्याण एवं विकास क्षेत्र, पर्यावरण और नागरिक केंद्रित प्रशासन शामिल हैं। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने देश में सुशासन की स्थिति के आकलन के लिए बुधवार को यह सुशासन सूचकांक (जीसीआई) जारी किया।