तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच पर रिपोर्ट सौंपे डीवीएसी: हाईकोर्ट
By भाषा | Published: September 13, 2018 04:04 AM2018-09-13T04:04:54+5:302018-09-13T04:04:54+5:30
न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या डीवीएवी के अधिकारियों ने कहा है कि द्रमुक के संगठन सचिव एवं राज्यसभा सांसद आर एस भारती की ओर से दाखिल भ्रष्टाचार की शिकायत में भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं बनता।
चेन्नई, 13 सितम्बर : मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) को निर्देश दिया कि वह ठेके देने के मामले में भ्रष्टाचार की शिकायत पर मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के खिलाफ की जा रही शुरुआती जांच को लेकर अपनी रिपोर्ट दाखिल करे।
न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या डीवीएवी के अधिकारियों ने कहा है कि द्रमुक के संगठन सचिव एवं राज्यसभा सांसद आर एस भारती की ओर से दाखिल भ्रष्टाचार की शिकायत में भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं बनता।
अंतरिम आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति ए डी जगदीश चंद्रा ने डीवीएसी को निर्देश दिया कि वह रोजमर्रा की शुरुआती जांच पर अपनी रिपोर्ट सौंपे।
वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता और सीएन अन्नादुरई को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित करने का एक बार फिर से अनुरोध किया है।
पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक प्रभावशाली नेताओं में शामिल जयललिता की असाधारण जन सेवा और उपलब्धियों को मान्यता देने का यह सबसे उपयुक्त तरीका होगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के 18 दिसंबर 2016 के एक पत्र की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजे जाने की सिफारिश की गई थी।
पलानीस्वामी ने अन्नादुरई को एक ऐसा नेता बताया जो सामाजिक समानता, आत्मसम्मान और भाषाई गौरव के लिए हमेशा खड़े रहे।
गौरतलब है कि तमिल फिल्मों के अभिनेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन को 1988 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था