तमिलनाडु 2021: द्रमुक करीब एक दशक बाद सत्ता में लौटी, अन्नाद्रमुक को कई चुनौतियों का करना पड़ा सामना
By भाषा | Published: December 23, 2021 12:31 PM2021-12-23T12:31:45+5:302021-12-23T12:31:45+5:30
(वी गंगाधरण)
चेन्नई, 23 दिसंबर तमिलनाडु में वर्ष 2021 काफी उठापटक भरा रहा, जहां करीब एक दशक बाद द्रमुक की सत्ता में वापसी चर्चा का विषय बनी... वहीं, कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी तथा अस्पताल में जगह ना मिलने से परेशान मरीजों के लिए अस्पतालों के बाहर खड़ीं अनगिनत एम्बुलेंस की तस्वीरें शायद ही कोई भूल पाएगा।
अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में द्रमुक ने 234 सीटों में से 133 सीट पर जीत दर्ज की,जबकि अन्नाद्रमुक के खाते में महज 66 सीट आईं। इस जीत के साथ ही द्रमुक करीब एक दशक बाद फिर सत्ता में लौटी। इसी के साथ एम के स्टालिन ने मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। द्रमुक ने आगे भी अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा और 2021 में नौ पुनर्गठित जिलों में ग्रामीण निकाय चुनाव में अपनी बड़ी जीत दर्ज की। सत्तारूढ़ पार्टी अब, अगले साल संभावित शहरी स्थानीय निकाय चुनाव में अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए कमर कस रही है।
राज्य की राजनीति में एक बड़ा बदलाव यह देखने को मिला कि सुपरस्टार रजनीकांत ने अपने दल 'रजनी मक्कल मंदरम' (रजनी पीपुल्स फोरम) को भंग कर दिया और स्पष्ट कर दिया कि वह राजनीति में प्रवेश नहीं करेंगे।
इस साल राज्य में कोविड-19 की दूसरी लहर नवगठित द्रमुक सरकार के लिए बड़ी चुनौती लेकर आई। स्टालिन ने मई में ही मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला और उसी महीने की 21 तारीख को राज्य में 36 हजार से अधिक दैनिक मामले सामने आए। मामलों के लगातार बढ़ने, ऑक्सीजन की कमी, दवाओं की कमी, अस्पतालों में बिस्तरों की कमी से राज्य में हाहाकार मच गया।
इस दौरान, मरीजों को लिए अनगिनत एम्बुलेंस अस्पतालों के बाहर खड़ी दिखीं और उनके परिजन लगातार मदद की गुहार लगाते नजर आए। इसके बाद राज्य में लॉकडाउन लगाया गया, कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए कदम उठाए गए और आखिरकार मई अंत तथा जून में मामले कम हुए..इसके साथ चरणबद्ध तरीके से पाबंदियां हटाई गईं।
वहीं, अन्नाद्रमुक के लिए यह साल काफी चुनौतियों भरा रहा, चुनाव में हार के बाद उन्हें मुख्यमंत्री तथा पार्टी सुप्रीमो दिवंगत जे जयललिता की पूर्व सहयोगी, वीके शशिकला से चुनौती का सामना करना पड़ा।
आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में चार साल की सजा काटने के बाद फरवरी में बेंगलुरु की जेल से बाहर आईं शशिकला ने पहले तो राजनीति से दूर रहने के संकेत दिए, लेकिन जल्द ही उन्होंने पार्टी पर नियंत्रण दोबारा पाने का प्रयास शुरू कर दिया और खुद को अन्नाद्रमुक का महासचिव घोषित कर दिया।
दिसंबर में अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम ने भी संकेत दिए कि शशिकला को दोबारा पार्टी में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है।
वहीं, द्रमुक के सत्ता में आने के बाद, अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री सी विजयभास्कर, केसी वीरमणि, एमआर विजयभास्कर, पी थंगमणि और सलेम स्थित एक पदाधिकारी आर इलनगोवन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज किए गए। इलनगोवन को पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी का करीबी माना जाता था। एक और पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया। अन्नाद्रमुक ने इन सभी मामलों की निंदा करते हुए, इन्हें राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया।
तमिलनाडु में इस साल हुई बारिश की बात करें तो, राज्य में मानसून का मौसम काफी अच्छा रहा और इस दौरान जलाशयों तथा झीलों में पानी भर गया, लेकिन नवंबर में राज्य में बारिश का ऐसा प्रकोप दिखा कि 100 सेंटीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई। यह पिछले 200 साल में राज्य में हुई सर्वाधिक बारिश थी।
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