भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत से जम्मू-कश्मीर की पीड़ा कम हो सकती है : तारिगामी
By भाषा | Updated: December 13, 2021 20:10 IST2021-12-13T20:10:01+5:302021-12-13T20:10:01+5:30

भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत से जम्मू-कश्मीर की पीड़ा कम हो सकती है : तारिगामी
जम्मू, 13 दिसंबर माकपा के वरिष्ठ नेता एमवाई तारिगामी ने सोमवार को कहा कि आतंकवाद को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद होना चाहिए। उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरस्त किये जाने के बाद घाटी में शांति स्थापित होने के दावे को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने ‘गुपकर गठबंधन’ नेतृत्व द्वारा पाकिस्तान से वार्ता करने को लेकर बार-बार दिए गए बयान का भी बचाव किया और कहा, ‘ गठबंधन के सभी सदस्यों ने बहुत सहन किया है और उनके हजारों नेता और कार्यकर्ता आतंकवादियों के हमले में मारे गए हैं।’’ गुपकर गठबंधन नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
गुपकर गठबंधन के संयोजक और प्रवक्ता तारिगामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच (फरवरी में) नए सिरे से संघर्ष विराम समझौते के बाद सीमाओं पर शांति है। संघर्ष विराम अचानक नहीं हुआ था, बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुई बातचीत का नतीजा था, जिससे दोनों तरफ के किसानों को राहत मिली, जो सीमा पार से गोलाबारी से पीड़ित थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद का समर्थन करते हैं क्योंकि यह हमारे दर्द को कम कर सकता है... संवाद होना चाहिए और इसे आगे ले जाया जाना चाहिए क्योंकि यह लोगों को राहत दे सकता है।(भारत और पाकिस्तान की सरकारों से)यह हमारी मांग और अनुरोध भी है।’’
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या घाटी में आतंकवादियों के लगातार हो रहे हमले के बीच वह संवाद का समर्थन करते हैं, तो तारिगामी ने कहा, ‘‘अगर आतंकवाद बंद हो गया तो किस मुद्दे पर बात होगी।’’
अनुच्छेद 370 को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराने और इसे हटाने से जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित होने के गृह मंत्री अमित शाह के बयान का उल्लेख करते हुए तारिगामी ने कहा, ‘‘मुझे उस वादा किए गए समान्य स्थिति का पता दीजिए, जिसे हम कहीं नहीं देख पाते और हत्याएं बेरोकटोक जारी हैं। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
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