Tahawwur Rana Extradition: आरोपी राणा को बिरयानी या अलग कोठरी की सुविधा मत दो?, 'छोटू चाय वाला' के नाम से मशहूर मोहम्मद तौफ़ीक़ ने कहा-कड़ी सजा दो, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 10, 2025 15:10 IST2025-04-10T15:08:12+5:302025-04-10T15:10:14+5:30
Tahawwur Rana Extradition: छह नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग का उपयोग करके भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद सीएसएमटी, दो लक्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी।

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मुंबईः वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान बचकर भागने में कई लोगों की मदद करने वाले एक चाय विक्रेता ने कहा है कि आरोपी तहव्वुर राणा को बिरयानी या अलग कोठरी जैसी कोई विशेष सुविधा नहीं दी जानी चाहिए और उसे फांसी पर लटका देना चाहिए। 'छोटू चाय वाला' के नाम से मशहूर मोहम्मद तौफ़ीक़ ने बात करते हुए आतंकवादियों से निपटने के लिए देश में सख्त कानून बनाने की भी मांग की। तौफ़ीक़ की दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर चाय की दुकान थी, जो नवंबर 2008 में आतंकवादियों के हमले की चपेट में आ गई थी।
#WATCH | Mumbai: On 26/11 Mumbai attacks accused Tahawwur Rana's extradition to India, Mohammed Taufiq, a tea seller known as 'Chhotu Chai Wala' whose alertness helped a large number of people escape the attack, says, "...For India, there is no need to provide him with a cell.… pic.twitter.com/zLqHEt7sHs
— ANI (@ANI) April 9, 2025
उन्होंने बताया कि हमले के दौरान उन्होंने अपनी आंखों के सामने लोगों को मरते हुए देखा था। तौफ़ीक़ के अनुसार, इसके बाद उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को सचेत किया, उन्हें हमले से बचने के लिए स्टेशन पर सुरक्षित दिशा की ओर जाने का निर्देश दिया तथा कई घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
तौफ़ीक़ ने कहा, "तहव्वुर राणा को अलग कोठरी या बिरयानी और अन्य सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है, जैसी (जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी) अजमल कसाब को दी गई थीं।" मामले में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने 2015 में कहा था कि कसाब द्वारा जेल में मटन बिरयानी की मांग करने की बात महज एक मिथक है और आतंकवादी के पक्ष में पैदा की जा रही भावनात्मक लहर को रोकने के लिए ऐसा कहा गया था। निकम ने कहा था, "कसाब ने कभी बिरयानी की मांग नहीं की और सरकार ने उसे कभी बिरयानी नहीं परोसी।
मैंने यह कहानी सिर्फ उस भावनात्मक माहौल को खत्म करने के लिए गढ़ी थी जो मामले की सुनवाई के दौरान कसाब के पक्ष में बन रहा था।" अमेरिका में प्रत्यर्पण से बचने का आखिरी प्रयास विफल होने के बाद तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों ने उसका आवेदन खारिज कर दिया था।
राणा को बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली लाए जाने की उम्मीद है। चाय विक्रेता ने कहा, "आतंकवादियों के लिए भारत में भी सख्त कानून होना चाहिए। राणा का भारत लाया जाना हमारे लिए अच्छी खबर है, लेकिन उसे 15 दिन या दो-तीन महीने में सार्वजनिक रूप से फांसी दे दी जानी चाहिए।"
छह नवंबर, 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग का उपयोग करके भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद सीएसएमटी, दो लक्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी।