तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद का क्वॉरेंटाइन पीरियड खत्म, क्या कोरोना वायरस से जुड़ी जांच में होंगे शामिल?

By पल्लवी कुमारी | Published: April 14, 2020 08:33 AM2020-04-14T08:33:15+5:302020-04-14T08:33:15+5:30

मार्च में निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए 25,000 से अधिक सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों को पृथक वास में रखा गया है। निजामुद्दीन के धार्मिक कार्यक्रम में कम से कम 9,000 लोग शामिल हुए थे। बाद में इनमें से कई लोगों ने देश के विभिन्न हिस्सों की यात्राएं कीं।

Tablighi Jamaat's leader Maulana Saad Kandhalvi Quarantine Ends To Join Probe Linked To COVID-19 | तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद का क्वॉरेंटाइन पीरियड खत्म, क्या कोरोना वायरस से जुड़ी जांच में होंगे शामिल?

Maulana saad (File Photo)

Highlightsदिल्ली में सोमवार को 356 नए संक्रमित सामने आए। इनमें से 325 मरीजों का ताल्लुक किसी न किसी तरह से निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) से है। 56 वर्षीय मौलाना साद 28 मार्च से क्वॉरेंटाइन में हैं।

नई दिल्ली: तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद कांधलवी क्वॉरेंटाइन पीरियड खत्म हो चुका है। मौलाना मोहम्मद साद के साथ और छह लोगों का भी क्वॉरेंटाइन पीरियड सोमवार को खत्म हुआ है। 56 वर्षीय मौलाना साद 28 मार्च से क्वॉरेंटाइन में हैं। 8 अप्रैल को उनके वकील ने कोर्ट में कहा था कि क्वॉरेंटाइन खत्म होने के बाद मौलाना साद कोरोना वायरस से जुड़ी जांच में दिल्ली पुलिस का सहयोग करेंगे। दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस जारी किया था और उनके खिलाफ लॉकडाउन के आदेशों का कथित तौर पर उल्लंघन कर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज है। 

फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मौलान साद पुलिस की जांच में सहयोग करेंगे और करेंगे तो वह अभी तक सामने क्यों नहीं आए हैं। मौलाना साद के करीबियों का दावा है कि एफआईआर में दर्ज धाराएं जमानती हैं। ऐसे में क्राइम ब्रांच के बुलाने पर साद तफ्तीश में शामिल हो जाएंगे। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज के आसपास सक्रिय रहे मोबाइल नंबरों के डंप डेटा के जरिए जमातियों की पहचान की जा रही है। पिछले दिनों उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर लोगों को घर में क्वॉरेंटाइन रहने की सलाह दी थी।

नेता मौलाना साद को भेटे नोटिस में दिल्ली पुलिस ने पूछे थे 26 सवाल

 दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में 26 सवाल पूछे गए हैं, जिसमें नाम, पता, संगठन का पंजीकरण विवरण, उसके पदाधिकारियों का विवरण, पिछले तीन वर्षों में मरकज द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न का विवरण, पैन नंबर, बैंक खाता संख्या और पिछले एक वर्ष के बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराना शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को साद और अन्य आरोपियों को पत्र लिखा और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत विवरण मांगा। अधिकारियों ने संगठन को परिसर में एक धार्मिक सभा आयोजित करने के लिए पुलिस या किसी अन्य अधिकारियों से मांगी गई अनुमति की एक प्रति पेश करने के लिए भी कहा है। 

तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद का पता लगा लिया गया: दिल्ली पुलिस सूत्र

दिल्ली पुलिस सूत्र ने दावा किया था कि तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद का पता लग गया है।  निजामुद्दीन इलाके में पिछले महीने एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने को लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से वह फरार थे। पुलिस सूत्रों ने 8 अप्रैल को जानकारी दी कि दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जाकिर नगर में मौलाना के मौजूद होने का पता चला। हालांकि, इससे पहले मौलाना के वकील तौसीफ खान ने कहा था कि साद स्व पृथक वास में हैं और 14 दिनों की अवधि खत्म होने के बाद वह जांच में शामिल होंगे। 

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने निजामुद्दीन के थाना प्रभारी द्वारा दी गई एक शिकायत पर 31 मार्च को मौलवी सहित सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। थाना प्रभारी ने लॉकडाउन के आदेशों का कथित उल्लंघन करने और कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये सामाजिक मेलजोल से दूरी नहीं रखते हुए यहां एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किये जाने के सिलसिले में यह शिकायत की थी। इसके एक दिन बाद अपराध शाखा ने मौलाना साद और अन्य को नोटिस देकर आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत ब्यौरा मांगा था।

जानें एफआईआर में दिल्ली पुलिस ने क्या आरोप लगाए हैं? 

प्राथमिकी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने मरकज के प्राधिकारियों से 21 मार्च को संपर्क किया था और उन्हें इस सरकारी आदेश की याद दिलाई थी कि 50 से अधिक लोगों की भागीदारी वाला कोई राजनीतिक या धार्मिक कार्यक्रम निषिद्ध है। इसमें कहा गया है कि हालांकि किसी ने भी पुलिस के निर्देश पर ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा, कथित तौर पर साद का एक ऑडियो संदेश 21 मार्च को व्हाट्सऐप पर पाया गया, जिसमें वह अपने समर्थकों से लॉकडाउन और सामाजिक मेलजोल से दूरी की अवज्ञा करने तथा निजामुद्दीन के धार्मिक कार्यक्रम में शरीक होने को कहते सुने गए। 

सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। उसी दिन हजरत निजामुद्दीन पुलिस थाने के प्रभारी और मरकज पदाधिकारियों के बीच एक बैठक हुई। इसमें साद, मोहम्मद अशरफ, मोहम्मद सलमान, युनूस, मुरसालीन सैफी, जिशान और मुफ्ती शहजाद शामिल हुए थे तथा उन्हें लॉकडाउन के आदेशों के बारे में सूचना दी गई थी। हालांकि, यह पाया गया कि बार-बार की कोशिशों के बावजूद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग या अन्य सरकारी एजेंसी को मरकज के अंदर भारी जमावड़े के बारे में नहीं बताया और जानबूझकर सरकारी आदेश की अवहेलना की। (पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ) 

Web Title: Tablighi Jamaat's leader Maulana Saad Kandhalvi Quarantine Ends To Join Probe Linked To COVID-19

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