लखनऊ:समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में हैं। मौर्य ने हाल ही में यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि रामचरितमानस की कुछ कड़ियां जाति के आधार पर समाज के एक बड़े तबके का अपमान करती हैं और इन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। वहीं, अब इसपर उनका बयान सामने आया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य एक प्रमुख ओबीसी नेता हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "अगर किसी और धर्म का कोई व्यक्ति किसी का सिर काटने या किसी की जीभ काटने की बात करता, तो उसे आतंकवादी करार दिया जाता। अगर महंत मेरा सिर काटने और मेरी जीभ काटने की बात कर रहे हैं, तो क्या वे आतंकवादी और कसाई नहीं हैं?"
इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, "अभी हाल में मेरे दिये गये बयान पर धर्म के कुछ ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए - आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।"
मौर्य की श्रीरामचरित मानस के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विपक्ष उनपर जमकर निशाना साध रहा है। प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गये थे। मौर्य ने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। हालांकि बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था।
(भाषा इनपुट के साथ)