स्वामी जितेंद्रानंद ने धार्मिक, धर्मार्थ दान के लिए समान संहिता को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की

By भाषा | Updated: July 31, 2021 14:16 IST2021-07-31T14:16:18+5:302021-07-31T14:16:18+5:30

Swami Jitendranand filed a petition in the court regarding Uniform Code for Religious, Charitable Charities | स्वामी जितेंद्रानंद ने धार्मिक, धर्मार्थ दान के लिए समान संहिता को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की

स्वामी जितेंद्रानंद ने धार्मिक, धर्मार्थ दान के लिए समान संहिता को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की

नयी दिल्ली, 31 जुलाई उच्चतम न्यायालय में धार्मिक एवं धर्मार्थ दान के लिए समान संहिता के अनुरोध को लेकर एक नयी जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है और देश भर में हिंदू मंदिरों पर अधिकारियों के नियंत्रण का उल्लेख किया जबकि कुछ अन्य समूहों को अपने स्वयं के संस्थानों का प्रबंधन करने की अनुमति है।

याचिका में यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि हिंदुओं, जैनों, बौद्धों और सिखों को अपने धार्मिक स्थानों की स्थापना, प्रबंधन एवं रख-रखाव का उसी तरह का अधिकार हो जैसे मुस्लिमों, पारसियों और इसाइयों को है।

संत स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती द्वारा दाखिल याचिका में यह दिशा-निर्देश भी देने का अनुरोध किया गया है कि हिंदुओं, जैनियों, बौद्धों और सिखों को मुस्लिम, ईसाई और पारसियों जैसे अपने धार्मिक स्थानों की चल-अचल संपत्ति के स्वामित्व, अधिग्रहण और प्रशासन के समान अधिकार हों।

पीआईएल में दलील दी गई कि याचिकाकर्ता का विश्वास है कि राज्य केवल कुछ धार्मिक संप्रदायों जैसे हिंदुओं एवं सिखों के धार्मिक स्थानों को नियंत्रित करके धार्मिक मामलों के प्रबंधन के मामले में भेदभाव कर रहे हैं।

याचिका में कहा गया कि अनुच्छेद 26-27 में धार्मिक मामलों के प्रबंधन के संबंध में धर्मों में किसी तरह के भेदभाव की गुंजाइश नहीं रखी गई है।

इसमें कहा गया है कि राज्य न तो संवैधानिक रूप से और न ही धार्मिक मामलों के प्रबंधन को चलाने में सक्षम है जिसमें अनूठे अनुष्ठान और प्रथाएं शामिल हैं जो श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही व्यक्तिगत हैं।

जनहित याचिका में यह निर्देश देने और घोषित करने का भी अनुरोध किया गया है कि मंदिरों और गुरुद्वारों की चल-अचल संपत्तियों के स्वामित्व, अधिग्रहण और प्रशासन के लिए बनाए गए सभी कानून मनमाने, तर्कहीन हैं और अनुच्छेद 14, 15, 26 का उल्लंघन करते हैं।

अधिवक्ता संजय कुमार पाठक के माध्यम से दायर याचिका में केंद्र या विधि आयोग को 'धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों के लिए सामान्य चार्टर' और 'धार्मिक एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती के लिए समान संहिता' का मसौदा तैयार करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

इससे पहले, इसी तरह की याचिका अधिवक्ता एवं भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने भी दायर की थी।

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Web Title: Swami Jitendranand filed a petition in the court regarding Uniform Code for Religious, Charitable Charities

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