स्वामी चिन्मयानंद: अर्श से फर्श तक, कभी वाजपेयी ने बनाया था केंद्रीय गृह राज्यमंत्री, अब रेप केस में जेल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 25, 2019 11:23 AM2019-09-25T11:23:20+5:302019-09-25T11:24:07+5:30
चिन्मयानंद के सितारे फिलहाल भले गर्दिश में हैं लेकिन कुछ वक्त पहले तक उन्होंने अपना साम्राज्य बना रखा था। राम मंदिर आंदोलन से लेकर वाजपेयी सरकार में मंत्री बनने तक, उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा बढ़ती ही गई। जानें फर्श से अर्श और फिर जेल तक का उनका सफर...
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद जेल में हैं। उन पर विधि की एक छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया है। उनकी जमानत याचिका भी नामंजूर कर दी गई है। जेल में उनकी तबियत भी खराब हो गई जिसके बाद चिन्मयानंद को सोमवार को लखनऊ के एसजीपीजीआई में एंजियोग्राफी के लिए भर्ती कराया गया था। चिन्मयानंद के सितारे फिलहाल भले गर्दिश में हैं लेकिन कुछ वक्त पहले तक उन्होंने अपना साम्राज्य बना रखा था। राम मंदिर आंदोलन से लेकर वाजपेयी सरकार में मंत्री बनने तक, उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा बढ़ती ही गई। जानें फर्श से अर्श और फिर जेल तक का उनका सफर...
- चिन्मयानंद मूलरूप से गोंडा जिले के परसपुर क्षेत्र के त्योरासी रमईपुर के रहने वाले हैं। इनके बचपन का नाम कृष्णपाल सिंह था।
- पॉलीटेक्निक की पढ़ाई करने के दौरान झांकी देखने के लिए दिल्ली गए तो वहां से लौटे नहीं। उन्होंने करीब 20 वर्ष में घर छोड़ दिया था। बाद में पता चला कि वो संत बन गए और बड़ा सियासी रसूख हासिल किया।
- अस्सी के दशक के आखिरी में देश में राम मंदिर आंदोलन जोर पकड़ रहा था। इस आंदोलन में चिन्मयानंद ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक सफर का आगाज किया।
- 1989 में स्वामी निश्चलानंद के अधिष्ठाता पद छोड़ने के बाद चिन्मयानंद मुमुक्षु आश्रम आ गए।
- चिन्मयानंद पहली बार भाजपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट से 1991 में सांसद चुने गए। हालांकि बदायूं से इनका कोई सीधा संबंध नहीं था लेकिन राम मंदिर लहर ने इनको जीत दिला दी। इसके बाद 1998 में मछलीशहर और 1999 में जौनपुर से सांसद चुने गए। इसके बाद वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री बनाए गए।
- चिन्मायनंद पर आठ साल पहले एक महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उसके बाद भाजपा में इनका प्रभाव कम होने लगा। इन्हें टिकट भी नहीं दिया गया। आरोप लगाने वाली महिला चिन्मयानंद के शाहजहांपुर के आश्रम में ही रहती थी।
- उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही उनके खिलाफ मुकदमा वापस ले लिया गया, लेकिन पीड़ित पक्ष ने सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी। फिलहाल हाईकोर्ट से स्वामी चिन्मयानंद को इस मामले में स्टे मिला हुआ है।
- स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त 2019 को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया।
- वीडियो वायरल होने के बाद छात्रा लापता हो गई थी। 25 अगस्त को पीड़िता के पिता ने किडनैपिंग और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। जिसके बाद स्वामी चिन्मयानंद के वकील ने पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था।
- लापता पीड़िता 30 अगस्त को अपने दोस्त के राजस्थान में मिली।
- मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़िता को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसआईटी ने मामले की जांच शुरू की।
- इसी दौरान चिन्मयानंद का मालिश का वीडियो वायरल हुआ।
- 12 सितंबर को एसआईटी ने चिन्मयानंद से पूछताछ की है और उनके शयन कक्ष को सील किया।
- 16 सितंबर को विधि छात्रा का न्यायालय में बयान दर्ज किया गया और इसके बाद चिन्मयानंद की तबीयत देर शाम खासी बिगड़ गई।
- 19 सितंबर को चिन्मयानंद को डॉक्टरों ने लखनऊ के केजीएमयू रेफर किया लेकिन वह अपना इलाज आयुर्वेद से कराने की बात कहकर मेडिकल कॉलेज से आश्रम लौट गए।
- स्वामी चिन्मयानंद को विशेष जांच दल की एक टीम ने 20 सितंबर को उनके आवास से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
- 23 सितंबर को शाहजहांपुर की लॉ की छात्रा की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली गई है। अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
- 24 सितंबर को पीड़िता को एसआईटी ने गिरफ्तार किया।