पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में स्वदेशी रक्षा उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी: राजनाथ

By भाषा | Published: March 8, 2020 06:06 AM2020-03-08T06:06:31+5:302020-03-08T06:06:31+5:30

सिंह ने कहा कि निर्माण क्षेत्र में 2025 तक एक हजार अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है और सरकार ‘मेक इन इंडिया’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू कर इस लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रही है।

Swadeshi defense production will play important role for 5000 billion dollar economy: Rajnath | पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में स्वदेशी रक्षा उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी: राजनाथ

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। (फाइल फोटो)

Highlightsरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में एरोस्पेस और सैन्य निर्माण में 26 अरब डॉलर कारोबार का लक्ष्य रखा है और 2024 तक देश की पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वदेशी रक्षा उत्पादन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि स्वदेशी उत्पादन का प्राथमिक लक्ष्य सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करना है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में एरोस्पेस और सैन्य निर्माण में 26 अरब डॉलर कारोबार का लक्ष्य रखा है और 2024 तक देश की पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वदेशी रक्षा उत्पादन महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि स्वदेशी उत्पादन का प्राथमिक लक्ष्य सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करना है। ईटी ग्लोबल बिजनेस शिखर सम्मेलन में उन्होंने निजी क्षेत्र से अपील की कि रक्षा निर्माण में अपनी भागीदारी बढ़ाएं ताकि सरकार 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल कर सके।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर करने का लक्ष्य तय किया था। भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में 2.8 हजार अरब डॉलर है। सिंह ने कहा कि निर्माण क्षेत्र में 2025 तक एक हजार अरब डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है और सरकार ‘मेक इन इंडिया’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू कर इस लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी रक्षा उत्पादन नीति में हमने स्पष्ट रूप से एरोस्पेस और रक्षा सामान और सेवाओं में 2025 तक 26 अरब डॉलर कारोबार का लक्ष्य तय किया है। अनुसंधान एवं विकास, अन्वेषण को बढ़ावा देने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में स्थान हासिल करने के भारत के प्रयासों पर इसका बड़ा असर होगा।’’

सिंह ने रक्षा उद्योग से अवसरों का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई ढांचागत सुधार शुरू किए हैं ताकि विभिन्न पक्षों के बीच समन्वय कायम किया जा सके। सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों में रक्षा निर्माण में चार लाख करोड़ रुपये के 200 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य एरोनॉटिक्स उद्योग को वर्ष 2024 तक 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये तक करने का है। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार का इरादा केवल सुधार लाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह तो निवेश को बढ़ावा देने और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए इनक्यूबेटर, केटेलिस्ट और फेसिलिटेटर का काम करना चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बात हम समझते हैं कि निजी क्षेत्र में रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापित होने में वक्त लगेगा। इस प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए हमने डीआरडीओ के माध्यम से अवसर दिए हैं जिनमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) के लिए शून्य शुल्क, 450 पेटेंट तक की सुगम उपलब्धता, परीक्षण सुविधाओं तक पहुंच और 10 करोड़ रुपये तक की अग्रिम सहायता शामिल है।’’ सिंह ने कहा कि टीओटी के लिए निजी उद्योगों के साथ 900 से अधिक लाइसेंसिंग सौदे किए जा चुके हैं।

Web Title: Swadeshi defense production will play important role for 5000 billion dollar economy: Rajnath

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