सुषमा स्वराज का मप्र से विशेष लगाव, 2 बार लोकसभा और 1 दफा राज्यसभा सांसद रहीं
By भाषा | Updated: August 7, 2019 18:44 IST2019-08-07T18:44:18+5:302019-08-07T18:44:18+5:30
सुषमा का अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा के लोगों से भावनात्मक जुड़ाव था और वह महीने में चार दिन अपने लोकसभा क्षेत्र में रहती थीं। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का नई दिल्ली में मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनके निधन के समाचार से विदिशा संसदीय क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर छा गई।

सुषमा जी लोगों से जुड़कर सीधे संवाद करती थीं
पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज का मध्य प्रदेश से विशेष नाता रहा है। वह मध्य प्रदेश से वर्ष 2006 में राज्यसभा के लिए व 2009 और वर्ष 2014 में विदिशा से दो बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं।
सुषमा का अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा के लोगों से भावनात्मक जुड़ाव था और वह महीने में चार दिन अपने लोकसभा क्षेत्र में रहती थीं। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का नई दिल्ली में मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनके निधन के समाचार से विदिशा संसदीय क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर छा गई।
स्वराज के उत्तराधिकारी और वर्ष 2019 में विदिशा से निर्वाचित भाजपा सांसद रमाकांत भार्गव ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया और उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘सुषमा जी मेरी बड़ी बहन के समान थी। दस साल तक मैंने उनके साथ काम किया और देखता था कि वह छोटे से छोटे कार्यकर्ता से मिलती जुलती थीं।
Delhi: Bansuri Swaraj, daughter of former External Affairs Minister #SushmaSwaraj, performs her last rites pic.twitter.com/ymj82SjG1i
— ANI (@ANI) August 7, 2019
संसदीय क्षेत्र के लोगों के साथ उनका जीवंत संपर्क था। जब मैं निर्वाचित होकर दिल्ली में उनसे मिला तो काफी देर तक उन्होंने मुझसे बात की और अपना आशीर्वाद दिया तथा विदिशा के लिये हमेशा विकास के काम करने को कहा।’’
भार्गव ने कहा कि वह प्रचार के लिये गांवों में सभाएं करती थीं तो उनका भाषण भावनात्मक होता था और वह कहती थीं कि यहां के मतदाता उनके भाई हैं और एक बहन उनसे रक्षा का वचन लेने आई है। उन्होंने कहा कि वह कहती हैं कि इस क्षेत्र के मतदाताओं के सम्मान की रक्षा भी वह करेंगी।
उन्होंने बताया कि सुषमा जी लोगों से जुड़कर सीधे संवाद करती थीं और विदिशा क्षेत्र के मरीजों, बीमारों को दिल्ली जाने पर एम्स में इलाज करवाने की काफी सहयोग करती थीं । भार्गवन ने बताया कि 2009 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सुषमा जी कहा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र में हर माह चार दिन रहेंगी, जिस पर उन्होंने अमल भी किया। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में इलाके में दौरा नहीं कर सकी।
भोपाल के पूर्व सांसद (सांसद) आलोक संजर ने कहा कि सुषमाजी ने 2006 में राज्य से राज्यसभा सदस्य बनने के बाद भोपाल में एम्स के काम को गति देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।