सुषमा स्वराज : एक गजब की वक्ता

By भाषा | Updated: August 8, 2019 05:36 IST2019-08-08T05:36:06+5:302019-08-08T05:36:06+5:30

संयुक्त राष्ट्र महासभा हो, राजनीतिक रैलियां हों या फिर संसद, वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने अपने वाक कौशल और भाषण कला से हर जगह अपनी एक अमिट छाप छोड़ी।

Sushma Swaraj: A wonderful speaker | सुषमा स्वराज : एक गजब की वक्ता

सुषमा स्वराज : एक गजब की वक्ता

Highlights सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा में कई अवसरों पर बोलीं और पाकिस्तान के साथ विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों, खासकर आतंकवाद से संबंधित मुद्दे पर भारत के रुख को मजबूती से रखा। वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए स्वराज ने भारत पर वार्ता प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के आरोप को लेकर पाकिस्तान की तीखी निन्दा की

संयुक्त राष्ट्र महासभा हो, राजनीतिक रैलियां हों या फिर संसद, वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज ने अपने वाक कौशल और भाषण कला से हर जगह अपनी एक अमिट छाप छोड़ी। उनके भाषण अधिकतर हिन्दी में होते थे। विदेश मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा में कई अवसरों पर बोलीं और पाकिस्तान के साथ विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों, खासकर आतंकवाद से संबंधित मुद्दे पर भारत के रुख को मजबूती से रखा।

वर्ष 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए स्वराज ने भारत पर वार्ता प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के आरोप को लेकर पाकिस्तान की तीखी निन्दा की और नयी दिल्ली के इस रुख को मजबूती से दोहराया कि ‘‘बातचीत और आतंकवाद’’ साथ-साथ नहीं चल सकते। वर्ष 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद भाजपा नेता ने धमकी दी थी कि यदि इटली में जन्मीं सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनती हैं तो वह अपना सिर मुंडवा लेंगी और पूरा जीवन भिक्षुक की तरह बिताएंगी।

रंगीन वस्त्र छोड़कर सफेद साड़ी पहनेंगी, जमीन पर सोएंगी और केवल भुने चने खाएंगी। हालांकि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नहीं बनीं और स्वराज को ऐसा कुछ नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा था कि यह उन्हें कचोटता है कि ब्रिटिश शासन का अंत होने के बावजूद एक विदेशी को देश का नेतृत्व करने के लिए चुना जाएगा। जब भी राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोलने की जरूरत होती, सुषमा अपनी बेबाकी से पीछे नहीं हटती थीं ।

संसद में 1996 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई और सत्ता में संयुक्त मोर्चा की सरकार आई तो अपने भाषणों में से एक में स्वराज ने विरोधियों की तुलना ‘मंथरा’ और ‘शकुनि’ से की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘त्रेता युग में राम के साथ यही घटना घटित हुई थी...द्वापर में यही घटना युधिष्ठिर के साथ घटी...अगर एक ‘मंथरा’ और एक ‘शकुनि’ की वजह से इतना कुछ हुआ तो आज तो हमारे सामने कितनी ‘मंथरा’ और कितने ‘शकुनि’ हैं।’’ भाषा नेत्रपाल उमा उमा

Web Title: Sushma Swaraj: A wonderful speaker

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