सुशील मोदी ने कहा, "ललन सिंह, शिवानंद तिवारी ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले को उजागर किया, आज वो ही आरोपियों को बचाने के लिए लामबंदी कर रहे हैं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 8, 2022 17:51 IST2022-10-08T17:46:57+5:302022-10-08T17:51:37+5:30
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने जमीन के बदले नौकरी के घोटाले में ललन सिंह और शिवानंद तिवारी का जिक्र करते हुए कहा कि उन लोगों ने इस मामले को बेपर्दा किया और आज वो ही लोग आरोपियों के बचाव में लामबंदी कर रहे हैं।

फाइल फोटो
पटना: भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले के संबंध में राजद प्रमुख लालू प्राद यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट के बारे में कहा कि इस घोटाले को जिन लोगों ने बेपर्दा करने का काम किया, आज वो ही लोग आरोपियों के बचाव में लामबंदी हो रहे हैं।
सुशील मोदी ने मामले में जदयू के साथ-साथ राजद नेता को घेरते हुए कहा कि ललन सिंह और शिवानंद तिवारी जमीन घोटाले को दुनिया के सामने लेकर आये, आज वही लोग लालू यादव की पैरवी कर रहे हैं। इससे दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति बिहार में और क्या हो सकती है।
समाचार एजेंसी एएनआई के बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा, "जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और राजद नेता शिवानंद तिवारी ने रेलवे में लालू यादव के जमीन के बदले नौकरी के घोटाले का पर्दाफाश किया था और उन्हीं के उठाये मुद्दे पर सीबीआई ने केस दर्ज किया था। केस में जदयू ने कागज उपलब्ध कराए और सीबीआई पर एक्शन के लिए दबाव बनाया था। अब जब कार्रवाई की जा रही है तो जदयू लालू यादव के समर्थन में दिखाई दे रही है।"
Delhi | Land-for-Job scam was exposed by the current president of JDU Lalan Singh & Shivanand Tiwari. When CBI filed FIR, then (JDU) provided paper & pressurised CBI to take action. Now when action is being taken, JDU is showing support for Lalu Yadav: BJP MP Sushil Modi pic.twitter.com/8LV13ifTLy
— ANI (@ANI) October 8, 2022
मालूम हो कि सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के बदले कथिततौर पर जमीन लेने के मामले में शुक्रवार को पूर्व रेलमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ 14 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में जानकारी देते हुए सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की ओर से विशेष अदालत में दायर किये गये आरोपपत्र में लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती और रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक भी सह आरोपी हैं।
जमीन घोटाले के उजागर होने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने बीते 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को प्राथमिकी में बदल दिया गया था। एजेंसी के अनुसार रेलवे अधिकारियों ने उम्मीदवारों को कथित तौर पर "अनुचित जल्दबाजी" के नाम पर आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर ग्रुप डी के पदों पर नियुक्त किया गया था और बाद में उन उम्मीदवारों से रेलवे अधिकारियों ने स्वयं या परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी।
सीबीआई के मुताबिक रेलवे में उम्मीदवारों का तबादला राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने बेचने वालों से नकद भुगतान करके अपने नाम से अधिग्रहित की थी।