दिल्ली-एनसीआर में 80 फीसदी परिवार जहरीली हवा से बीमार, सर्वे में हुआ खुलासा

By मनाली रस्तोगी | Published: November 7, 2022 11:23 AM2022-11-07T11:23:24+5:302022-11-07T11:24:28+5:30

डॉक्टरों ने दिल्ली-एनसीआर में चिकित्सा आपातकाल की चेतावनी दी है क्योंकि छाती में संक्रमण और निमोनिया के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है।

Survey says 80 percent Delhi-NCR families suffering ailments due to toxic air | दिल्ली-एनसीआर में 80 फीसदी परिवार जहरीली हवा से बीमार, सर्वे में हुआ खुलासा

दिल्ली-एनसीआर में 80 फीसदी परिवार जहरीली हवा से बीमार, सर्वे में हुआ खुलासा

Highlightsसफर के आंकड़ों के मुताबिक पराली जलाने से दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में 34 फीसदी का योगदान है।सर्वेक्षण में कहा गया कि 44 फीसदी को नींद न आने की समस्या हो रही थी और 31 फीसदी को चिंता और/या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई थी।सर्वेक्षण में कहा गया है कि लगभग 18 फीसदी लोगों ने संकेत दिया कि वे या उनके परिवार के सदस्य पहले ही डॉक्टर या अस्पताल जा चुके हैं।

नई दिल्ली: पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर के 80 फीसदी परिवारों में कम से कम एक सदस्य वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों का सामना कर रहा था। एक सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल द्वारा रविवार को किए गए एक सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आई है। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब और गंभीर श्रेणी के बीच है। जहरीली हवा स्वास्थ्य के लिए कई तरह के खतरे पैदा कर रही है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि लगभग 18 फीसदी लोगों ने संकेत दिया कि वे या उनके परिवार के सदस्य पहले ही डॉक्टर या अस्पताल जा चुके हैं। इसमें ये भी कहा गया कि लगभग 22 फीसदी ने कहा कि उनके परिवार के एक या अधिक सदस्यों ने पहले ही डॉक्टर से बात कर ली है या उनके साथ संदेशों का आदान-प्रदान किया है।

8,097 उत्तरदाताओं में से 69 फीसदी ने कहा कि वे गले में खराश और/या खांसी का अनुभव कर रहे थे; 56 फीसदी ने आंखों में जलन की शिकायत की। इसके अलावा इनमें से 50 फीसदी नाक बहना और/या कंजेशन; 44 फीसदी सांस लेने में कठिनाई/अस्थमा से पीड़ित थे; 44 फीसदी सिरदर्द से पीड़ित थे। सर्वेक्षण में कहा गया कि 44 फीसदी को नींद न आने की समस्या हो रही थी और 31 फीसदी को चिंता और/या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई थी।

लोकलसर्किल के संस्थापक सचिन टापरिया ने कहा, "दिल्ली-एनसीआर में पांच में से चार परिवारों में कुछ सदस्य प्रदूषण संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पिछले पांच दिनों में स्थिति और खराब हो गई है।" फाइन पार्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) के संपर्क में, जो मानव वायु की तुलना में 25 से 100 गुना पतला है, इसके कई अल्पकालिक और दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव हैं।

सफर के आंकड़ों के मुताबिक पराली जलाने से दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में 34 फीसदी का योगदान है। टापरिया ने कहा, "पीएम 2।5 फेफड़ों के मार्ग में गहराई से प्रवेश करता है और अत्यधिक समय से पहले मृत्यु दर के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। बच्चे, बुजुर्ग, अस्थमा और हृदय की समस्याओं जैसी पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोग अतिसंवेदनशील होते हैं।"

एम्स के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया को आगाह करते हुए कहा, "बच्चों, बुजुर्गों और जिनके फेफड़े और दिल कमजोर हैं, उन्हें ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए जहां प्रदूषण हो। यदि आप जाना चाहते हैं, तो दिन में ऐसा करें जब धूप हो और मास्क पहनें। वायु प्रदूषण एक साइलेंट किलर है।" विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया, "वायु प्रदूषण से श्वसन संक्रमण, हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।" डॉक्टरों ने दिल्ली-एनसीआर में चिकित्सा आपातकाल की चेतावनी दी है क्योंकि छाती में संक्रमण और निमोनिया के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है।

Web Title: Survey says 80 percent Delhi-NCR families suffering ailments due to toxic air

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे